वाशिंगटन, 24 फरवरी (एजेंसी)अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने रविवार को कहा कि वह दुनिया भर में मौजूद अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) के कुछ कर्मचारियों को छोड़कर शेष को छुट्टी पर भेज रहा है। इसके साथ ही अमेरिका में इससे जुड़ी कम से कम 1600 नौकरियों को समाप्त किया जा रहा है।राष्ट्रपति ट्रंप और सरकारी दक्षता विभाग के उनके सहयोगी एलन मस्क की ओर से संघीय सरकार के आकार को कम करने की दिशा में उठाया गया यह सबसे बड़ा कदम है। दरअसल, शुक्रवार को एक संघीय न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन को अमेरिका और दुनिया भर में हजारों यूएसएड कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की उनकी योजना पर आगे बढ़ने की अनुमति दी थी। अमेरिकी जिला न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने कर्मचारियों के उस वाद को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार की योजना पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का अनुरोध किया था।ट्रंप प्रशासन की ओर से यूएसएड कर्मचारियों को रविवार रात करीब 12 बजे संदेश भेजा गया कि उन्हें छुट्टी पर भेजा जा रहा है। कर्मचारियों को भेजे गये नोटिस में यह भी कहा गया कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती शुरू की जा रही है, जिससे अमेरिका में 2000 नौकरियां खत्म हो जाएंगी। बाद में यूएसएड की वेबसाइट पर पोस्ट किए गये नोटिस में समाप्त किए जाने वाले पदों की संख्या 1600 बताई गयी। प्रशासन ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया।वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट से भाजपा का झूठ उजागर : कांग्रेसनयी दिल्ली (एजेंसी) : कांग्रेस ने अमेरिकी एजेंसी यूएसएड की फंडिंग से जुड़े विवाद के बीच सोमवार को दावा किया कि वित्त मंत्रालय की वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट से भाजपा का झूठ पूरी तरह से उजागर हो गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री और उनकी झूठ ब्रिगेड के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है। वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएसएड वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से लगभग 75 करोड़ डॉलर के संयुक्त बजट की सात परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। इनमें से एक भी परियोजना का मतदान प्रतिशत से कोई लेना-देना नहीं है। ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं।'भाजपा का पलटवारभाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने दावा किया कि देश की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए ‘जॉर्ज सोरोस (अमेरिकी कारोबारी) से जुड़े मोर्चों और एनजीओ ढांचे' के माध्यम से विवादास्पद यूएसएड फंडिंग से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस तथा उसके तंत्र की हताशा दिख रही है। उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘अब यह स्पष्ट है कि लाभार्थी कौन हैं।' गौर हो कि हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि जो बाइडेन के नेतृत्व वाले पिछले अमेरिकी प्रशासन के तहत यूएसएड ने भारत को 'वोटर टर्नआउट' (मतदान में मतदाताओं की भागीदारी) के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिए थे। इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर निशाना साध रही हैं।