कठिनाइयों में बीता अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंस का बचपन, सुनाई आपबीती
मिलवाउकी (अमेरिका), 18 जुलाई (एपी)
J D Vance: रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन स्वीकार करते हुए जे डी वेंस ने बुधवार रात को देशवासियों को अपना परिचय दिया और मुश्किलों में बीते अपने बचपन पर प्रकाश डाला।
वेंस ने कहा कि उनकी पार्टी संघर्ष कर रहे अमेरिकियों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को अच्छी तरह से समझती है। ‘रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन' (आरएनसी) में दिए गए मुख्य भाषण में वेंस ने केंटुकी और ओहायो में एक गरीब परिवार में पले-बढ़े होने, अपनी मां के नशे की लत के शिकार होने और पिता के न होने की कहानी साझा की। उन्होंने येल लॉ स्कूल से स्नातक किया और फिर अमेरिकी मरीन में शामिल हो गए।
बाद में उन्होंने राजनीति की दुनिया में कदम रखा। वेंस ने कहा, ‘‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि आज रात मैं यहां खड़ा होऊंगा।'' ओहायो के 39 वर्षीय सीनेटर वेंस राजनीति में अपेक्षाकृत कम जाना-पहचाना चेहरा हैं और वह दो साल से भी कम वक्त से सीनेट में हैं।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किए जाने के बाद से वेंस ने अपने आप को भुलाए जा चुके श्रमिक वर्ग के लिए एक योद्धा बताया।
उन्होंने औद्योगिक गिरावट का सामना कर रहे ‘रस्ट बेल्ट' मतदाताओं से वोट करने की अपील की जिन्होंने ट्रंप को आश्चर्यजनक रूप से 2016 में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘आहायो जैसे छोटे शहरों या पेनसिल्वेनिया या मिशिगन, देशभर के हमारे राज्यों में नौकरियों को विदेश भेज दिया गया और बच्चों को युद्ध में भेजा गया।''
वेंस ने कहा, ‘‘मिडलटाउन, ओहायो के लोगों और मिशिगन, विसकॉन्सिन, पेनसिल्वेनिया में भुला दिए गए सभी समुदायों तथा हमारे देश के हरेक कोने के लोगों से मैं यह वादा करता हूं, मैं ऐसा उपराष्ट्रपति बनूंगा जो कभी यह नहीं भूलेगा कि वह कहां से आया है।''
कभी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कटु आलोचक रहे वेंस हाल के वर्षों में उनके कट्टर समर्थक के रूप में सामने आए हैं। वह ऐसे वक्त में आम चुनाव की दौड़ में शामिल हुए हैं जब 78 वर्षीय ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति 81 वर्षीय जो बाइडन की उम्र को लेकर मतदाताओं की चिंताएं बढ़ गयी हैं।
इंडियाना के रिपब्लिकन जिम बैंक्स ने बुधवार को वेंस का परिचय कराते हुए कहा था, ‘‘जे डी वेंस को चुनने का डोनाल्ड ट्रंप का फैसला भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ट्रंप ने वेंस के रूप में ऐसे व्यक्ति को चुना है जो देश का भविष्य है, रिपब्लिकन पार्टी का भविष्य है, ‘अमेरिका प्रथम' आंदोलन का भविष्य है।'' सम्मेलन केंद्र में मौजूद लोगों ने गर्मजोशी से वेंस का स्वागत किया।
बुधवार रात को वेंस की पत्नी ऊषा चिलुकुरी वेंस ने उनका परिचय कराया और उनके तथा अपने बीच के पारिवारिक अंतर के बारे में बात की थी। ऊषा सैन डिएगो के एक मध्यमवर्गीय प्रवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं जबकि वेंस एक गरीब परिवार से आते हैं।
ऊषा ने कहा कि वेंस अमेरिका के लिए अच्छे उपराष्ट्रपति साबित होंगे और उन्होंने अपने पति के जीवन, उनके शाकाहारी भोजन अपनाने और भारतीय भोजन पकाने के कौशल पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘वह अमेरिका के काफी अच्छे उपराष्ट्रपति बनेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, वह मांसाहारी और आलू किस्म की चीजें खाने वाले व्यक्ति हैं लेकिन उन्होंने मेरे शाकाहारी भोजन को अपनाया तथा मेरी मां के लिए खाना बनाना सीखा।''
वहीं, वेंस ने अपनी पत्नी ऊषा की तारीफ करते हुए अमेरिका को वास्तव में समृद्ध बनाने में दक्षिण एशिया के प्रवासियों की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस देश में दक्षिण एशियाई शरणार्थी परिवार की बेटी से शादी की, ये असाधारण लोग हैं जिन्होंने वास्तव में कई तरीकों से देश को समृद्ध बनाया है।''
वेंस ने बताया कि वह येल विश्वविद्यालय में अपनी ‘‘खूबसूरत पत्नी'' ऊषा से मिले थे। उन्होंने 2014 में केंटुकी में शादी की थी। उनके दो बेटे इवान और विवेक तथा बेटी मिराबेल हैं। इस बीच, बाइडन के चुनाव प्रचार अभियान दल ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने वेंस को ऐसा व्यक्ति बताया जिसे ट्रंप जानते हैं कि ‘‘वह उनके अतिवादी एजेंडे पर बिना सोचे-समझे मुहर लगाएगा।'' हैरिस ने वीडियो में कहा, ‘‘कोई गलती न करें : जे डी वेंस केवल ट्रंप के प्रति वफादार होंगे, हमारे देश के प्रति नहीं।''
बता दें, जे डी वेंस की पत्नी ऊषा चिलुकुरी वेंस का संबंध भारत से है। अगर ट्रंप और वेंस पांच नवंबर को होने जा रहा आम चुनाव जीत जाते हैं तो ऊषा (39) ‘सेकंड लेडी' (उपराष्ट्रपति की पत्नी) का दर्जा पाने वाली संभवत: पहली भारतीय-अमेरिकी होंगी।
भारतीय अप्रवासियों की बेटी ऊषा सैन डिएगो में पली-बढ़ीं। पुराने मित्र उन्हें एक ‘‘नेता'' और ‘‘किताबी कीड़ा'' कहते हैं। वह 2014 तक डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य थीं। ऊषा ने ‘येल लॉ स्कूल' से स्नातक किया और वह दीवानी मुकदमों की वकील हैं।
वह सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स के क्लर्क के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। ‘येल लॉ स्कूल' में पढ़ाई के दौरान ऊषा और वेंस की मुलाकात हुई।
‘न्यूयॉर्क पोस्ट' की खबर के अनुसार, अगर वेंस चुनाव जीतते हैं तो ऊषा पहली हिंदू महिला होंगी जो कि किसी उपराष्ट्रपति की पत्नी हैं। और वह ‘सेंकड जेंटलमेंट' (उपराष्ट्रपति के पति) डग एमहॉफ का स्थान लेंगी।
देश में एमहॉफ पहले ऐसे यहूदी हैं जो कि किसी उपराष्ट्रपति के जीवनसाथी हैं। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स' में छपे परिचय के अनुसार वेंस दंपति की शादी 2014 में केंटकी में हुई थी और एक अलग समारोह में उन्होंने हिन्दू रीति-रिवाजों को निभाते हुए पुजारी से आशीर्वाद लिया था।
वेंस के दो बेटे इवान तथा विवेक और एक बेटी मिराबेल हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने वेंस को सोमवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना। वेंस एक समय में ट्रंप के आलोचक रहे थे लेकिन बाद में दोनों करीबी सहयोगी बन गए।
ट्रंप ने अपने ‘ट्रूथ सोशल' नेटवर्क पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘लंबा विचार-विमर्श करने और कई अन्य लोगों की प्रतिभाओं पर गौर करने के बाद मैंने फैसला किया है कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार ग्रेट स्टेट ऑफ ओहायो के सीनेटर जे डी वेंस हैं।''