For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

US राष्ट्रपति ट्रंप बोले- भारत-पाक युद्ध ‘रोकने' के लिए मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा, पाक ने किया नामांकित

01:10 PM Jun 21, 2025 IST
us राष्ट्रपति ट्रंप बोले  भारत पाक युद्ध ‘रोकने  के लिए मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा  पाक ने किया नामांकित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में। रॉयटर्स
Advertisement

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन/इस्लामाबाद, 21 जून (भाषा/एपी)

Advertisement

Nobel Prize: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने या रूस-यूक्रेन और इस्राइल-ईरान संघर्षों में उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं चाहे कुछ भी करूं, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।'' इस बीच पाकिस्तान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘‘हालिया भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान उनके निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए'' 2026 में नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने पोस्ट की शुरुआत इस बात से की कि उन्हें यह बताते हुए “बहुत खुशी” हो रही है कि वह विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच संघर्ष रोकने के वास्ते एक “अद्भुत” संधि करा रहे हैं। इस संघर्ष को “अन्य युद्धों की तुलना में कहीं अधिक हिंसक रक्तपात और मौतों के लिए जाना जाता है और दशकों तक यह जारी रहा।

Advertisement

ट्रंप ने इस बात का उल्लेख किया कि रवांडा और कांगो के प्रतिनिधि इस संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए सोमवार को वाशिंगटन में होंगे। उन्होंने इसे ‘‘अफ्रीका के लिए और पूरी दुनिया के लिए एक महान दिन'' बताया। ट्रंप ने हालांकि कहा कि उन्हें उनके किसी भी प्रयास के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।

ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। मुझे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, मुझे सर्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रुकवाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।''

ट्रंप अनेक बार दावा कर चुके हैं कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराई और संघर्ष रुकवाया। हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि उन्हें ‘‘मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।'' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पश्चिम एशिया में अब्राहम समझौते के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो ‘‘बहुत देशों के हस्ताक्षर इस समझौते पर होंगे और युगों'' में पहली बार पश्चिम एशिया को एकीकृत करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहे जो भी करूं, चाहे रूस-यूक्रेन और इजरायइल-ईरान हो, परिणाम जो भी हों मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।''

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप के नाम की सिफारिश करेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने हाल में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान ‘‘निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप'' के लिए 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की औपचारिक रूप से सिफारिश करने का फैसला किया है।

यह घोषणा ‘एक्स' पर एक पोस्ट में की गई, जिसका शीर्षक था: ‘‘पाकिस्तान सरकार 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की सिफारिश करती है''। यह घोषणा ट्रंप द्वारा ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की मेजबानी के तीन दिन बाद की गई।

पोस्ट में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान सरकार ने हाल में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के नाम की 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से सिफारिश करने का फैसला किया है।'' पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था।

भारत ने छह मई और सात मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए। भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष चला जो 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के साथ समाप्त हुआ।

ट्रंप लगातार यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका है। हालांकि भारत इस बात पर कायम रहा है कि भारतीय सुरक्षा बलों के भीषण जवाबी हमले के कारण पाकिस्तान को शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगानी पड़ी। पाकिस्तान सरकार की ओर से शनिवार को पोस्ट में कहा गया कि ‘‘क्षेत्रीय अशांति बढ़ने के दौरान'' राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘‘पाकिस्तान और भारत दोनों के साथ मजबूत कूटनीतिक जुड़ाव के माध्यम से शानदार रणनीतिक दूरदर्शिता और शानदार राजनेता के रूप में परिचय दिया''।

पोस्ट में कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने ‘‘तेजी से बिगड़ती स्थिति को संभाला, जिससे आखिरकार युद्धविराम सुनिश्चित किया जा सका और दो परमाणु संपन्न देशों के बीच व्यापक संघर्ष को टाला जा सका, जिसके क्षेत्र और उससे परे लाखों लोगों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते थे''।

पोस्ट में लिखा है, ‘‘यह हस्तक्षेप एक वास्तविक शांतिदूत के रूप में उनकी (ट्रंप की) भूमिका और बातचीत के माध्यम से संघर्ष समाधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।'' सरकार ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे को हल करने में मदद करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की ‘‘ईमानदारी से की गई पेशकश'' को भी स्वीकार किया। सरकार ने कहा कि 2025 के पाकिस्तान-भारत संकट के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप का नेतृत्व ‘‘व्यावहारिक कूटनीति और प्रभावी शांति-निर्माण की उनकी विरासत की निरंतरता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है''।

पोस्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि ट्रंप के ‘‘ईमानदार प्रयास'' क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता में योगदान देते रहेंगे, खासकर पश्चिम एशिया में जारी संकटों के संदर्भ में जिसमें गाजा में हो रही मानवीय त्रासदी और ईरान से जुड़ी बिगड़ती स्थिति शामिल है। इस बीच ट्रंप ने इस बात पर दुख जताया कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को ‘‘रोकने'' या रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान संघर्षों में उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।

ईरान के बारे में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की राय ‘गलत' थी: ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की पूर्व में व्यक्त की गई इस राय को गलत बताया है कि अमेरिका के विचार में ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है। शुक्रवार को अपनी ‘सुपर पॉलिटिकल एक्शन कमेटी' के लिए धन जुटाने के वास्ते न्यूजर्सी पहुंचने पर ट्रंप से मार्च में कांग्रेस को दिए गए गबार्ड के बयान के बारे में पूछा गया।

दरअसल गबार्ड ने तब कहा था कि अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का मानना ​​है कि ईरान परमाणु हथियारों पर काम नहीं कर रहा है। इस पर राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ तो फिर, मेरा खुफिया समुदाय गलत है। खुफिया समुदाय में किसने ऐसा कहा?'' ट्रंप को जब बताया गया कि यह बात गबार्ड ने कही थी तो उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी राय गलत है।''

इस बीच गबार्ड ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के पास खुफिया जानकारी है कि ईरान इस स्थिति में है कि वह कुछ हफ़्तों या महीनों के भीतर परमाणु हथियार बना सकता है।'' गबार्ड ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा नहीं होने दिया जा सकता और मैं इससे सहमत हूं।''

इस्राइल और ईरान के बीच जारी घातक हमलों के मध्य व्हाइट हाउस ने हाल ही में कहा कि ट्रंप दो सप्ताह के भीतर यह तय करेंगे कि अमेरिकी सेना इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल होगी या नहीं। व्हाइट हाउस ने कहा कि अतिरिक्त समय की मांग ‘‘इस तथ्य पर आधारित है कि निकट भविष्य में ईरान के साथ बातचीत की पर्याप्त संभावना है या नहीं।'' लेकिन शुक्रवार को ट्रंप ने खुद इस बात पर संदेह जताया कि बातचीत से इस्राइल और ईरान के बीच लड़ाई रुक सकती है।

ट्रंप ने कहा कि भले ही वह युद्धविराम का समर्थन करते हैं, लेकिन ईरान पर इस्राइल के हमलों को ‘‘रोकना बहुत मुश्किल हो सकता है।'' ईरान के इस सुझाव के बारे में पूछे जाने पर कि अगर अमेरिका वार्ता को आगे बढ़ाने के बारे में गंभीर है तो वह इस्राइल से हमले रोकने के कहे। इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अभी यह अनुरोध करना बहुत कठिन है।''

Advertisement
Tags :
Advertisement