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अमेरिका ने भारत को 2.1 करोड़ डॉलर का ‘चुनावी आवंटन’ रद्द किया

07:05 AM Feb 17, 2025 IST
अमेरिका ने भारत को 2 1 करोड़ डॉलर का ‘चुनावी आवंटन’ रद्द किया
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न्यूयॉर्क, 16 फरवरी (एजेंसी)
अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिकी सरकार कार्यदक्षता विभाग ने ‘भारत में चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने’ के लिए आवंटित 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर सहित व्यय में सिलसिलेवार कटौतियों की घोषणा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने मस्क को नये सरकारी कार्यदक्षता विभाग का प्रमुख चुना था। शासन में सुधार और फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए विभाग ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस कटौती की घोषणा की। विभाग ने कहा, ‘अमेरिकी करदाताओं के पैसे निम्नलिखित मदों पर खर्च किए जाने वाले थे, जिनमें से सभी को रद्द कर दिया गया है...।’
सूची में ‘चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया सुदृढ़ीकरण के लिए समूह’ को 48.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान शामिल था, जिसमें मोल्दोवा में ‘समावेशी और भागीदारीपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया’ के लिए 2.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर और ‘भारत में चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने’ के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर शामिल थे। पोस्ट में वित्त पोषण के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी गई।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने इस अनुदान को भारत के चुनावों में ‘बाहरी हस्तक्षेप’ करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि लाभार्थी कौन है, और कहा कि यह ‘निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी नहीं है।’
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारुढ़ पार्टी को नहीं!’
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 7 फरवरी को ‘यूएसएड’ (अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी) अधिकारियों के अनुसार, दुनिया भर में इसके सभी मानवीय कार्य रोक दिए गए हैं। ‘स्पेसएक्स’ के सीईओ मस्क ने अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। दोनों ने अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की थी।
मस्क की घोषणा से पहले एजेंसी की वेबसाइट बंद कर दी गई। बाद में, ट्रंप द्वारा नामित एक न्यायाधीश ने एक अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश की घोषणा की जो राष्ट्रपति और विभाग को 2,200 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेजने से रोकता है।

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