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राजौरी में उड़ी जैसा हमला, 2 फिदायीन ढेर

11:38 AM Aug 12, 2022 IST

सुरेश एस डुग्गर/हप्र

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जम्मू, 11 अगस्त

बृहस्पतिवार तड़के राजौरी में आतंकवादियों ने उड़ी जैसे हमले को दोहराने की कोशिश की। सतर्क सैनिकों ने इस फिदायीन हमले को नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। हालांकि अमन के दुश्मनों से संघर्ष करते हुए 4 जवान शहीद हो गए, जबकि 2 घायल हैं।

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शहीद जवानों के नाम राइफलमैन मनोज कुमार (हरियाणा के फरीदाबाद के), राइफलमैन निशांत मलिक (हरियाणा के हिसार के), सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (राजस्थान के झुंझुनू के) और राइफलमैन लक्ष्मणन डी (तमिलनाडु के) हैं।

बताया गया कि आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान चार घंटे तक गोलीबारी हुई। जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया कि राजौरी से 25 किलोमीटर दूर एलओसी से सटे दरहाल सेक्टर के परगाल इलाके में स्थित सैन्य शिविर में दो आतंकवादी घुसे। बताया गया कि संतरियों ने उन दो आतंकवादियों को चुनौती दी जिन्होंने चौकी के अंदर प्रवेश करने का प्रयास करते हुए ग्रेनेड फेंके। इसके बाद उन्होंने जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 6 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल जवानों को मुठभेड़ स्थल से सुरक्षित निकालते हुए अन्य जवानों ने आतंकवादियों पर जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। दोनों आतंकवादियों को वहीं ढेर कर दिया गया। इस बीच घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया परंतु डाक्टरों ने 3 जवानों को मृत घोषित कर दिया, जबकि तीन घायलों का इलाज चल रहा है। सुरक्षाधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों का यह आत्मघाती हमला था। अधिकािरयों के मुताबिक इस तरह का हमला करीब तीन साल बाद जम्मू-कश्मीर में ‘फिदायीन’ (आत्मघाती हमलावरों) की वापसी का संकेत है। आखिरी आत्मघाती हमला 14 फरवरी 2019 को दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के लेथपोरा में हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे। इससे पहले वर्ष 2016 के अक्तूबर महीने में जम्मू-कश्मीर के उड़ी में जैश ए मोहम्मद के चार आतंकियों ने आर्मी हेडक्वार्टर पर हमला किया था। हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। जबकि करीब 30 जवान घायल हुए थे। उस वक्त जवाबी कार्रवाई में चार आतंकियों को मार गिराया गया था। वहीं, भारत ने भी पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकी लॉन्च पैड तबाह किए थे।

पूरे इलाके में अलर्ट, सर्च ऑपरेशन जारी

स्वतंत्रता दिवस के चार दिन पहले बृहस्पतिवार तड़के हुई नापाक हरकत के बाद पूरे इलाके में अलर्ट जारी किया गया है साथ ही सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। अधिकारियों को आशंका है कि कुछ और आतंकवादी इलाके में मौजूद हो सकते हैं। इसी आशंका के चलते सेना और एसओजी के जवानों ने सैन्य शिविर के आसपास सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तलाशी व घेराबंदी अभियान जारी है।

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