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हंगामा, भ्रष्टाचार-दुर्व्यवहार के आरोप, दो पार्षदों का इस्तीफा

01:03 PM Jul 06, 2022 IST
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रोहतक, 5 जुलाई (हप्र)

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नगर निगम  रोहतक की मंगलवार को हुई हाउस मीटिंग में शहर में जलभराव व गंदे पानी की सप्लाई को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। पीने के पानी व सीवरेज के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा पार्षदों ने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। भाजपा की 16 वार्ड से पार्षद डिंपल जैन ने अधिकारियों पर दुर्व्यवहार व काम न करने के आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं भाजपा के ही वार्ड 6 से पार्षद सुरेश किराड़ ने पेयजल और सीवरेज समस्या निपटान कमेटी से इस्तीफा दे दिया। दोनों पार्षदों ने मेयर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। 

बैठक में 240 एजेंडे रखे गए थे। अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पार्षदों ने संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने से असंतुष्ट पार्षदों ने इस पर नाराजगी जताई, जिसके कारण अगले सप्ताह फिर से बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया। इसमें आला अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि संबंधित अधिकारियों पर बैठक में ही कार्रवाई की जा सके। नगर निगम मेयर मनमोहन गोयल और कमिश्नर नरहरि बांगड़ ने माना कि पब्लिक एवं हेल्थ विभाग की तरफ से लापरवाही हुई है। कांग्रेस के विधायक बीबी बत्रा ने इसे सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के सिस्टम की विफलता बताया।

बैठक शुरू होने के साथ ही  पार्षदों ने पानी व सीवरेज का मुद्दा उठाया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि अधिकारी बेखौफ हैं और शहर के विकास कार्यों को किसी सुनियोजित षड्यंत्र के तहत रोका जा रहा है। दोनों ही भाजपा पार्षदों ने कहा कि सरकार करोड़ों रुपए विकास के लिए देती है, मगर पब्लिक एंड हेल्थ विभाग के अधिकारी एक ठेकेदार के साथ मिलकर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। अगर अधिकारी ठीक से काम करते तो कुछ दिन पहले बारिश के बाद शहर में बाढ़ जैसे हालात नहीं होते। 

बैठक में गत 30 जून को बरसात के बाद जलभराव से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजे का मुद्दा पास किया गया। अब पार्षदों और मेयर के द्वारा एजेंडा पास करके चंडीगढ़ मुख्यालय भेजा जाएगा, ताकि बारिश के कारण जिन घरों व दुकानों में जलभराव हो गया था, वहां का सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाए। इस पर पार्षदों ने भी अपनी सहमति जताई। मुआवजे का मामला कांग्रेस भी उठा चुकी है।

वार्ड में आ रहा गंदा पेयजल, अधिकारी सुनते नहीं : डिंपल जैन

भाजपा की वार्ड 16 से पार्षद डिंपल जैन ने कहा की उनके वार्ड में पब्लिक एंड हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी सड़कें खोद दी। वार्ड में दो साल से गंदा पेयजल आ रहा है। पब्लिक हेल्थ के एसडीओ से कहा तो वे काम करने की बजाय उनसे बदतमीजी करने लगे। जनता के काम हो नहीं रहे, अधिकारी सुन नहीं रहे इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि वे इस समय पार्षद नहीं हैं, देखते हैं इस्तीफा मंजूर होता है या नहीं। जब तक समस्याओं का निदान नहीं हो जाता वे बतौर पार्षद काम नहीं कर सकती।

शहर बदहाल, अधिकारी जिम्मेदार : सुरेश किराड़

वहीं भाजपा के वार्ड 6 से पार्षद सुरेश किराड़ ने  कहा कि वे पेयजल और सीवरेज निपटान कमेटी के अध्यक्ष थे। बारिश के पानी से शहर का बुरा हाल हुआ, जिसके लिए पब्लिक एंड हेल्थ विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं। सरकार करोड़ों रुपए विकास के नाम पर देती है लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। ठेकेदार से मिलकर अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं।  

कमिश्नर ने कहा- अधिकारियों से हुई लापरवाही

 नगर निगम कमिश्नर नरहरी बांगड़ ने माना कि पब्लिक हेल्थ अधिकारियों से लापरवाही हुई है।  रेवेन्यू कॉलोनी शहर की सबसे पॉश कॉलोनी मानी जाती है और माना जाता है कि वहां पर सीवर, पानी आदि की सारी व्यवस्थाएं शहर में सबसे बढ़िया हैं, लेकिन रेवेन्यू कॉलोनी में भी उन्हें जलभराव की स्थिति से निपटना पड़ा।

ये मुद्दे भी उठे हाउस की बैठक में सरकारी भवनों को शहर से बाहरी एरिया में शिफ्ट करने का मुद्दा उठाया गया, जिसका कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध किया और कहा कि सभी भवन लोगों की सुविधा को देखते हुए शहर के अंदर ही रखे जाएं। वहीं, भाजपा के पार्षदों ने इसका विरोध किया और कहा कि भवन बाहरी एरिया में शिफ्ट होने चाहिए। 

शहर में बारिश के पानी की निकासी का प्लान नहीं : बतरा

कांग्रेस विधायक बीबी बतरा ने कहा कि शहर में बारिश के पानी  निकासी की निकासी का कोई प्लान नहीं है। सरकार व  प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। शहर में बारिश होने के कारण कई कालोनियां डूब गई। मैंने और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वहां जलभराव का जायजा भी लिया।

मेयर ने कहा  

रोहतक नगर निगम मेयर मनमोहन गोयल ने कहा कि शहर में जलभराव और पानी निकासी को लेकर अधिकारियों से लापरवाही हुई है। उस दिन न तो पंपसेट चलाए गए, न वहां पर ऑपरेटर थे और और न डीजल था। हमने इसके लिए जिम्मेदार उस अधिकारी को सस्पेंड करने के लिए लिखा है।

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