किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट में मिलेगी 3 लाख तक मदद
चंडीगढ़, 1 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के गरीब परिवारों के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना आने वाले रोगियों को नायब सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। इसके तहत पात्र रोगियों को 3 लाख रुपये तक की मुफ्त किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट सेवाएं मिलेंगी। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रधानमंत्री जन आयोग्य योजना – आयुष्मान भारत के तहत भी तीन लाख रुपये की विशेष फिकस्ड किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट पैकेज के निर्माण को मंजूरी दी है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ़ कमल गुप्ता ने सोमवार को यहां बताया कि वर्तमान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और रोगी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस नई पहल के साथ चिह्नित मरीज रोहतक स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बिना किसी खर्च की चिंता के गंभीर किडनी और लिवर प्रत्यारोपण करवा सकेंगे। इन महत्वपूर्ण निर्णयों का उद्देश्य उन लोगों को जीवन रक्षक चिकित्सा उपचार प्रदान करना है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय बाधाओं के कारण किसी को भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवा से वंचित न होना पड़े।
उन्होंने कहा कि जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं से जुड़े वित्तीय बोझ को कम करके, प्रदेश सरकार एक ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही है। जहां स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए एक मौलिक अधिकार होगी। चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे पहले मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत किडनी या लिवर प्रत्यारोपण से संबंधित खर्चों को कवर करने का कोई प्रावधान नहीं था। इस कारण जरूरतमंद रोगियों को उपचार के लिए दुर्गम बाधाओं का सामना करना पड़ता था।
पहली बार किसी सरकारी स्वास्थ्य सेवा संस्थान में इस सुविधा की शुरूआत होना इस अंतर को पाटने और समाज के सबसे कमजोर वर्गों को व्यापक देखभाल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गुप्ता ने हरियाणा भर में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि यह पहल सभी रोगियों, विशेषकर जरूरतमंदों को किफायती और सुलभ उपचार उपलब्ध कराने की हमारी प्राथमिकता को दर्शाती है। स्वास्थ्य सुविधाओं में निरंतर सुधार और सेवाओं के दायरे का विस्तार करके, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्राप्त हो।
बाल चिकित्सा इकाइयां होंगी मजबूत
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने बाल चिकित्सा देखभाल को बढ़ाने के लिए जिला अस्पतालों में पहले से स्थापित 12-बेड वाले बाल चिकित्सा एचडीयू/आईसीयू इकाइयों के और अधिक सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिवर्ष 44 करोड़ 1 लाख रुपये के आवंटन को स्वीकृति प्रदान की है। 12 बेड वाली बाल चिकित्सा एचडीयू/आईसीयू इकाइयां शुरूआत में आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज चरण-।। (ईसीआरपी-।।) के तहत स्थापित की गई थीं। 44.1 करोड़ रुपये में से 38.8 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष आवश्यक चिकित्सा कर्मियों, जिनमें 21 इंटेंसिविस्ट, 105 ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (आईसीयू में प्रशिक्षित), 420 आईसीयू प्रशिक्षित स्टाफ नर्स/नर्सिंग सिस्टर, 105 ओटी/एनेस्थीसिया तकनीशियन और 21 काउंसलर शामिल हैं, की नियुक्ति के लिए उपयोग किए जाएंगे ताकि इन बाल चिकित्सा एचडीयू/आईसीयू इकाइयों का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके।