Up Politics : पार्टी से निष्कासित भतीजे आकाश की गुहार पर मायावती ने पलटा फैसला, 'एक और मौका' देने का ऐलान
आकाश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स पर की गई सिलसिलेवार पोस्ट में प्रण लेते हुए कहा कि वह अब भविष्य में अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी नातेदार और सलाहकार से कोई राय नहीं लेंगे। आकाश ने अपनी पोस्ट में कहा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उप्र की 4 बार मुख्यमंत्री रही एवं लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार सदस्य रही आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं। आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को व खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा।
मायावती ने कहा कि आकाश द्वारा ‘एक्स' पर सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने व वरिष्ठ लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने की बात कही गई है। यह भी कहा गया है कि वह अपने ससुर की बातों में नहीं आएंगे लिहाजा बसपा व आंदोलन के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया जाता है। वैसे अभी मैं स्वस्थ्य हूं और जब तक पूरी तरह से स्वस्थ्य रहूंगी, मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह पार्टी व आंदोलन के लिए पूरे जी-जान व तन्मयता से समर्पित रहकर कार्य करती रहूंगी। ऐसे में मेरे द्वारा उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। मैं अपने निर्णय पर अटल हूं व रहूंगी।
आकाश के ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ की गलतियां अक्षम्य हैं। उन्होंने गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के करियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसलिए उनको माफ करने व पार्टी में वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। बता दें कि, मायावती ने 2 मार्च को अपने तत्कालीन 'उत्तराधिकारी' आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक सहित सभी पदों से मुक्त कर दिया था।