For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

UP Politics: कांग्रेस नेताओं का आरोप, विधानसभा के ‘घेराव' से किया गया पहले ‘नजरबंद'

05:02 PM Dec 17, 2024 IST
up politics  कांग्रेस नेताओं का आरोप  विधानसभा के ‘घेराव  से किया गया पहले ‘नजरबंद
Advertisement

लखनऊ/अमेठी, 17 दिसंबर (भाषा)

Advertisement

UP Politics: लखनऊ में कांग्रेस पार्टी के राज्य विधानसभा के ‘घेराव' कार्यक्रम से एक दिन पहले मंगलवार को पार्टी नेताओं ने दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को होने वाले ‘घेराव' के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी है। अमेठी में, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने दावा किया कि उन्हें और 100 से अधिक पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को घर में नजरबंद कर दिया गया है।

सिंघल ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “जिले के सभी 17 ब्लॉक अध्यक्षों, पदाधिकारियों, अग्रणी संगठनों के नेताओं और समिति के पदाधिकारियों को नजरबंद कर दिया गया है।” पुलिस की कार्रवाई को “अलोकतांत्रिक और निंदनीय” बताते हुए सिंघल ने कहा, “लोकतंत्र में हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार है। कांग्रेस जनता की आवाज है, जिसे यह अंधी-बहरी सरकार दबाने की कोशिश कर रही है। जब यह सरकार डरती है, तो पुलिस का सहारा लेती है।”

Advertisement

कथित तौर पर नजरबंदी की कार्रवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 168 (संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए) के तहत लखनऊ में कांग्रेस के महासचिव (संगठन) अनिल यादव को जारी किए गए एक आधिकारिक नोटिस के बाद की गई हैं। नोटिस में कानून-व्यवस्था को बाधित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

हुसैनगंज पुलिस थाने द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह ने सरकार की नीतियों के विरोध में बुधवार को लखनऊ में विधानसभा तक मार्च करने का प्रस्ताव रखा था। यादव ने पुलिस नोटिस की तस्वीर के साथ ‘एक्स' पर पोस्ट किया, “कल हम संभल के पीड़ितों को न्याय दिलाने, किसानों को फसलों की कीमत दिलाने और बेरोजगारी के खिलाफ विधानसभा का घेराव करेंगे। देखिए कैसे तानाशाह सरकार नोटिस जारी करके हमारी आवाज दबाना चाहती है।”

अमेठी में प्रदीप सिंघल ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर असहमति को दबाने का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रशासन सच्चाई को चुप कराना चाहता है। सिंघल ने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बेरोजगारी, बढ़ती कीमतों, बुलडोजर की कार्रवाई, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के बारे में सरकार से सवाल करने के लिए लखनऊ जाने की योजना बनाई थी। लेकिन जवाब देने के बजाय आज हमें नजरबंद किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “यह अत्याचार है और यह सरकार के डर को दर्शाता है। हम डरने वाले नहीं हैं। 18 दिसंबर को हम सुनिश्चित करेंगे कि लोगों की आवाज विधानसभा तक पहुंचे।” उप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ।

Advertisement
Tags :
Advertisement