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UP Madrasa Education Act: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यूपी मदरसा एक्ट वैध, इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश खारिज

12:57 PM Nov 05, 2024 IST
up madrasa education act  सुप्रीम कोर्ट ने कहा  यूपी मदरसा एक्ट वैध  इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश खारिज
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नई दिल्ली, 5 नवंबर (भाषा)

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UP Madrasa Education Act 2004: इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी जो राज्य के मदरसों के लिए एक बड़ी राहत है।

हाई कोर्ट ने इस आधार पर इस कानून को खारिज कर दिया था कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह मानकर गलती की कि यह कानून मूल ढांचे यानी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।

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प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘ हम उत्तर प्रदेश मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखते हैं और दूसरी बात यह कि यदि राज्य के पास विधायी शक्ति नहीं है, केवल तभी किसी कानून को खारिज किया जा सकता है।''

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उत्तर प्रदेश के मदरसों के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है क्योंकि हाई कोर्ट ने इन मदरसों को बंद करने तथा उसके विद्यार्थियों को राज्य के अन्य विद्यालयों में दाखिला देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कानून की विधायी योजना मदरसों में दी जा रही शिक्षा के स्तर के मानकीकरण के लिए है ।

शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गयी अर्जियों पर 22 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले करीब दो दिनों तक आठ याचिकाकर्ताओं की ओर से अंजुम कादरी, अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के एम नटराज समेत कई वकीलों की दलीलें सुनीं।

नटराज उत्तर प्रदेश सरकार की ओर शीर्ष अदालत में पेश हुए थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 22 मार्च को इस कानून को ‘असंवैधानिक' तथा धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला घोषित किया था। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से मदरसों के विद्यार्थियों को औपचारिक विद्यालयों में भेजने का निर्देश दिया था। मदरसों के करीब 17 लाख विद्यार्थियों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रैल को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

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