भारत-पाक तनाव पर UNSC की बंद कमरे में बैठक, सभी पक्षों से ‘संयम’ बरतने और संवाद की अपील
संयुक्त राष्ट्र, 6 मई (एजेंसी)
UNSC meeting जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने सोमवार को बंद कमरे में चर्चा की। इस दौरान परिषद के सदस्यों ने संयम बरतने, टकराव से बचने और संवाद के जरिए समाधान निकालने का आह्वान किया।
बैठक पाकिस्तान के अनुरोध पर आयोजित की गई, जो इस समय 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। परिषद की मई महीने की अध्यक्षता यूनान के पास है।
बैठक लगभग डेढ़ घंटे चली और इसे सुरक्षा परिषद के मुख्य कक्ष के बजाय उसके परामर्श कक्ष में आयोजित किया गया। हालांकि, बैठक के बाद परिषद की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि उनके उद्देश्य काफी हद तक पूरे हो गए हैं।
पाकिस्तानी राजदूत बोले: टकराव नहीं चाहते, पर संप्रभुता की रक्षा को तैयार
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि बैठक का उद्देश्य भारत-पाक के बिगड़ते सुरक्षा हालात पर विचार-विमर्श करना और तनाव कम करने के उपायों पर चर्चा करना था। उन्होंने कहा, “हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार हैं।” उन्होंने भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने के मुद्दे को भी उठाया और कहा, “पानी जीवन है, हथियार नहीं।” उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत सहित सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
भारत के पूर्व राजदूत बोले: ऐसे प्रयासों से कोई ठोस नतीजा नहीं
बैठक से पहले भारत के संयुक्त राष्ट्र में पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि ऐसे प्रयासों से कोई ठोस परिणाम नहीं निकलते जहां संघर्ष में शामिल एक पक्ष, परिषद की सदस्यता का उपयोग कर धारणाएं गढ़ने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा, “भारत ऐसे पाकिस्तानी प्रयासों को विफल करेगा।”
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र में शांति निर्माण विभाग के सहायक महासचिव खालिद मोहम्मद खैरी ने बैठक में परिषद को जानकारी दी और बाद में कहा कि “स्थिति अस्थिर है” और समाधान “संवाद और शांतिपूर्ण तरीके” से ही संभव है। वहीं, यूएनएससी के अध्यक्ष और यूनान के राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने इसे “सार्थक और उपयोगी बैठक” बताया।