विश्वविद्यालय अब साल में दो बार दे सकेंगे दाखिला
नयी दिल्ली, 11 जून (एजेंसी)
भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अब विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर वर्ष में दो बार प्रवेश देने की अनुमति मिल जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस संबंध में योजना को मंजूरी दे दी है।
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया कि शिक्षण सत्र 2024-25 से जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कुमार ने कहा, ‘यदि भारतीय विश्वविद्यालय वर्ष में दो बार प्रवेश दे सकें, तो इससे ऐसे छात्रों को लाभ होगा, जो बोर्ड परीक्षा के परिणामों की घोषणा में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से जुलाई-अगस्त सत्र में किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से चूक जाते हैं। उन्हें पूरा वर्ष इंतजार नहीं करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के लोग भी वर्ष में दो बार कैंपस सिलेक्शन कर सकते हैं, जिससे स्नातकों के लिए रोजगार के अवसर बेहतर होंगे।
यूजीसी प्रमुख ने कहा, ‘दुनियाभर के विश्वविद्यालय पहले से ही द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली का पालन कर रहे हैं। यदि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान इसे अपनाते हैं, तो अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और छात्र आदान-प्रदान को बढ़ा सकते हैं। परिणामस्वरूप, हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा। हम वैश्विक शैक्षिक मानकों के अनुरूप होंगे।’
वर्तमान में विश्वविद्यालय और कॉलेज हर साल जुलाई-अगस्त में नियमित मोड में छात्रों को प्रवेश देते हैं।
यह व्यवस्था अनिवार्य नहीं यूजीसी प्रमुख ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों के लिए साल में दो बार प्रवेश देना अनिवार्य नहीं होगा। जिन उच्च शिक्षण संस्थानों के पास आवश्यक ढांचा व शिक्षक संकाय है, वे इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह वह लचीलापन है जो यूजीसी उन उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रदान करता है, जो अपने छात्रों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं और उभरते क्षेत्रों में नये कार्यक्रम पेश करना चाहते हैं। साल में दो बार छात्रों को प्रवेश देने में सक्षम होने के लिए, उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने संस्थागत नियमों में उपयुक्त संशोधन करने होंगे।’
ऑनलाइन मोड के लिए पिछले साल दी थी अनुमति
पिछले साल, यूजीसी ने छात्रों को एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान जनवरी और जुलाई में दो बार मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) और ऑनलाइन मोड में प्रवेश देने की अनुमति दी थी। यूजीसी प्रमुख ने कहा कि पिछले साल के फैसले से लगभग पांच लाख छात्रों को मदद मिली।