किसानों की मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा सड़कों पर उतरा
रोहतक, 17 जुलाई (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को किसान सभा ने किसानों की बीमा क्लेम, लंबित मुआवजे, बाढ़ पीड़ितों को राहत समेत अन्य मांगों को लेकर जिला की सभी तहसीलों पर सरकार के नाम मांग पत्र भेजा। किसानों ने सांपला, रोहतक, कलानौर व महम में प्रदर्शन किए। पत्रकारों से बातचीत में किसान सभा के राज्य सचिव सुमित सिंह व जिला प्रधान प्रीत सिंह ने कहा कि प्रदेशभर की तहसीलों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देने का निर्णय लिया था। इसी के तहत आज किसान सभा रोहतक ने डीसी को सीएम के नाम ज्ञापन भेजा। जिला प्रधान प्रीत सिंह ने कहा कि आज प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आने से खेती बाड़ी और मानवीय जीवन को काफी हानि हुई है। रोहतक में उपायुक्त को ज्ञापन समय किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, अशोक राठी, खेमचंद, ओमप्रकाश कादयान, रणधीर राठी आदि शामिल रहे।
महम (निस) : किसान सभा महम तहसील कमेटी ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को राहत देने, जान माल की भरपाई के लिए मुआवजा देने, पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने एवं रोहतक जिले में खाली रही कृषि भूमि का मुआवजा देने व बीमा क्लेम देने की मांग को लेकर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। किसान सभा के जिला सचिव बलवान सिंह व राय सिंह नेहरा ने कहा कि राज्य के 8 जिलों में भयंकर बाढ़ आई हुई है। किसान मुसीबत में हैं, सरकार को तुरंत उनकी मदद करनी चाहिए।्
चरखी दादरी (निस) : बाढड़ा में जिला प्रधान हरपाल भांडवा की अगुवाई में कस्बे में रोष मीटिंग की गई। इसके बादएसडीएम कार्यालय में सीएम के नाम ज्ञापन सौंपते हुए अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने जल्द मांगें नहीं मानी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर संदीप सांगवान,आनंद वालिया, गिरधारी मोद, कमल सिंह आदि मौजूद थे।
जींद (हप्र) : किसानों ने तहसीलदार जींद के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौैंपा। किसान सभा के राज्य उप प्रधान एवं सयुक्त मोर्चा के नेता फूल सिंह श्योकंद ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में बारिश ने जो तबाही कर रखी है। ज्ञापन में उसके लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग की है। इस मौके पर राजकुमार, रविंदर सिंह, रमेश कंडेला, समुन्दर सिंह फोर, दिलबाग सिंह, राजेश कुमार आदि शामिल रहे।
इन मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज किया जाए। केंद्र सरकार प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष आर्थिक राहत जारी करे। बर्बाद फसलों, मृत पशुओं का मुआवजा दिया जाए। जलभराव से खराब हुए ट्यूबवेल, पशुओं के लिए चारे समेत समस्त जनहानि का आंकलन कर उसके नुकसान की भरपाई की जाए। रबी वर्ष 2022, रबी वर्ष 2023 की फसल खराबे का पुराना लंबित सारा मुआवजा जल्द दिया जाए। फसल बीमा योजना का बकाया बीमा के साथ साथ सीएससी सेंटर और कोऑपरेटिव बैंकों द्वारा करवाया गया बीमा क्लेम जारी किया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार लागत का डेढ़ गुना दाम पर फसल खरीद की गारंटी दी जाए। बिजली संशोधन कानून 2022 को रद्द कर प्रदेश में लंबित सैकड़ों ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जाएं।