श्रम शक्ति में वृद्धि के बावजूद बेरोजगारी दर में इजाफा
ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 10 नवंबर
हिमाचल प्रदेश में श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ने के बावजूद बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है। पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की ताजा रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत है, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में 5 प्रतिशत अधिक है। हिमाचल का श्रम शक्ति भागीदारी अनुपात (एलएफपीआर) 45 प्रतिशत के आसपास है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में महिला बेरोजगारी दर 8.6 प्रतिशत और पुरुषों में यह दर 3.9 प्रतिशत है। इस प्रकार, राज्य को बेरोजगारी दर के मामले में देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल किया गया है। हालांकि बेरोजगारी दर में वृद्धि हो रही है, लेकिन राज्य में राजनीतिक स्तर पर इस मुद्दे पर बहुत कम चर्चा हो रही है। हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के जनक राज ने बताया कि 2021-22 में बेरोजगारी दर 4 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गई थी, लेकिन अब पीएलएफएस सर्वे में यह दर 6.2 प्रतिशत बताई गई है। राज्य में रोजगार के सीमित अवसर हैं और सरकारी नौकरियों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। 2022 में राज्य में 8.82 लाख युवा रोजगार के लिए पंजीकृत थे, जिनमें से अधिकांश युवा प्लस टू डिग्री धारक थे। बेरोजगारी की समस्या गंभीर होती जा रही है, क्योंकि हर साल बेरोजगारों की संख्या में 50 हजार का इजाफा हो रहा है। हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के कार्यकर्ता जीया नंद शर्मा के अनुसार, सरकारी नौकरियों की संख्या लगातार घट रही है, जबकि आउटसोर्स की प्रथा बढ़ाई जा रही है, जिससे बेरोजगारी की समस्या और बढ़ गई है।