हिमाचल में बेरोजगारी दर में वृद्धि जारी
शिमला, 1 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल में बेरोजगारी दर में वृद्धि लगातार जारी है। न सिर्फ प्रदेश सरकार के आर्थिक सर्वे, बल्कि नेशनल सैंपल सर्वे संगठन की आवधिक श्रम बल सर्वे रिपोर्ट में भी प्रदेश में बेरोजगारी की दर में वृद्धि का खुलासा हुआ है। बढ़ती बेरोजगारी की दर से साफ है कि रोजगार को चुनावी एजेंडे में शामिल करने के बावजूद प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद राजनीतिक दल अपने इस चुनावी वादे को पूरा करने में नाकाम रहते हैं।
राज्य सरकार के साल 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी है। साल 2021-22 में प्रदेश में 4 फीसद बेरोजगारी की दर सर्वेक्षण में बताई गई है, मगर 2023-24 में यह दर बढ़ कर 4.4 फीसद हो गई। सर्वेक्षण के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में महिलाओं तथा शहरी इलाकों में पुरुषों में बेरोजगारी दर अधिक है। शहरों में 30.6 फीसद युवा रोजगार की तलाश में हैं। ग्रामीण इलाकों में 3.8 फीसद महिलाएं बेरोजगार हैं। ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर कम होने की वजह महिलाओं व पुरुषों का खेती के साथ साथ पशुपालन व मनरेगा में काम करना मानी जा रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक बीते साल जनवरी से दिसंबर तक 109083 बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालयों में पंजीकरण करवाया। 2022 में पंजीकरण करवाने वाले बेरोजगारों की संख्या 1.41 लाख से अधिक थी। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों में से सिर्फ 0.2 फीसद अर्थात 257 युवाओं को सरकारी तथा 6983 को निजी क्षेत्र में रोजगार मिला। 2022 में सरकारी क्षेत्र में 821 बेरोजगारों को प्रदेश में सरकारी रोजगार मिला।
सरकारी क्षेत्र में रोजगार के आंकड़े कम होने की वजह नियमित भर्तियों के बजाय आउटसोर्स पर तैनाती का नया प्रचलन है। नेशनल सैंपल सर्वे संगठन के आंकड़े प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर और भी विकट तस्वीर पेश कर रहे हैं। संगठन की बीते साल की दूसरी तिमाही अर्थात जुलाई से सितंबर तक की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बेरोजगारी दर 33.9 फीसद थी। यह बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश में सर्वाधिक थी। इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 17.3 फीसद रही।
अब प्रदेश में लोकसभा के साथ छह विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव में भी राजनीतिक दल रोजगार को मुद्दा बनाएंगे। भाजपा रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस की गारंटी को मुद्दा बना रही है। कांग्रेस भाजपा पर पेपर लीक मामले में युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ के आरोप लगा रही है। अब राज्य के करीब 10 लाख बेरोजगारों को किस पार्टी के मुद्दे रास आते हैं यह देखना बाकी है।