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स्टिल्ट प्लस फोर को लेकर सरकार को 31 तक का अल्टीमेटम

11:06 AM Jul 14, 2024 IST
स्टिल्ट प्लस फोर को लेकर सरकार को 31 तक का अल्टीमेटम
हिसार में शनिवार को आयोजित हरियाणा स्टेट सेक्टर्स कॉन्फेडरेशन में उपस्थित पदाधिकारी। -हप्र
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हिसार, 13 जुलाई (हप्र)
हरियाणा स्टेट सेक्टर्स कॉन्फेडरेशन का शनिवार को हिसार के सेक्टर 16-17 स्थित कम्युनिटी सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टर्स में स्टिल्ट प्लस फोर पॉलिसी पर रोक लगाने लगाने सहित कुल पांच मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को 31 जुलाई तक का समय दिया। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि यह मांगें नहीं मानी गई तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। यहां बता दें कि स्टिल्ट प्लस फोर पॉलिसी को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के विरोध के चलते पहले बंद कर दिया गया था और हाल ही में दोबारा लागू कर दिया जिसका काफी विरोध है।
अन्य मांगों में रिहायशी व व्यवसायिक स्थलों की बोली से प्राप्त धनराशि से एनहांसमेंट का भुगतान करने, शहर की कॉलोनियों के बराबर पेयजल राशि लेने, स्कूल के लिए आरक्षित जमीन पर सरकारी मॉडल स्कूल बनाने और 30-30 गज के प्लॉट सेक्टर से बाहर अलग जमीन पर देना शामिल हैं।
कॉन्फेडरेशन के राज्य संयोजक यशवीर मलिक ने कहा कि सरकार ने मामूली संसोधनों के साथ स्टिल्ट प्लस फोर की जो पॉलिसी लागू की है वो सेक्टरवासियों पर सरकार का सीधा हमला है। पुराने सेक्टरों का मौलिक डिजाइन इस तरह है कि उसके तहत विकसित की गई सीवरेज, बिजली, पानी, पार्किंग, पब्लिक पार्क आदि सुविधाएं स्टिल्ट प्लस फोर का भार नहीं सह सकती।
उन्होंने कहा कि पुराने सेक्टर 1982 के बिल्डिंग एक्ट के अंतर्गत बसाए गए हैं जबकि बिल्डरों व बड़े उद्योगपतियों के दबाव में 2017 में लाए गए बिल्डिंग कोड को सरकार लागू कर कानून को धत्ता बताने पर तुली है।
उन्होंने कहा कि सरकार आज सेक्टरों में रिहायशी व व्यव्सायिक स्थलों की बोली प्रक्रिया के तरह बिक्री कर रही है और अरबों रुपये के राजस्व की प्राप्ति हो रही है। सरकार इसी राशि में से एक हिस्सा निकालकर एक कोष की स्थापन कर उसमें से एनहांसमेंट की राशि जमीन मालिकों को दें और एन्हांसमेंट के जिन्न को हमेशा के लिए बोतल में बंद कर मिट्टी में दफन कर सेक्टरवासियों को इसके डर से निजात दिलवाएं।
उन्होंने कहा कि सेक्टरों में बने एक ही टैंक से सेक्टरों व कॉलोनियों में पानी की सप्लाई की जा रही है, पर टैरिफ अलग-अलग है। सेक्टरवासियों से कॉलोनीवासियों की बजाय चार गुना अधिक दर वसूली जा रही है जो घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि सेक्टरों में स्कूलों के लिए रिजर्व जमीन पर सरकारी स्कूल विकसित करना था लेकिन सरकार यह जमीन प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए बेच रही है। यदि सरकार ऐसा करती है तो यह हर हाल में सुनिश्चित करें कि सेक्टर के रहने वाले बच्चों को फीस में कम से कम 50 फीसदी रियायत मिले।
इसी प्रकार आर्थिक तौर पर वंचित वर्ग के लिए हरियाणा सरकार द्वारा घोषित की गई 30-30 गज के प्लॉटों की स्कीम से ना तो आबंटियों को फायदा होगा ना मौजूदा सेक्टरवासियों को। इससे अच्छा है कि सरकार अलग जगह जमीन खरीदकर वहां उन्हें 100-100 गज के प्लाट आवंटित करे।
सम्मेलन में सिरसा से सरदार राजपाल सिंह, फतेहाबाद से सुखदेव सिंह, भिवानी से रामकिशन शर्मा, रोहतक से कदम सिंह अहलावत, जींद से रामनिवास ढिग़ाना, डॉ. संजय शर्मा, पानीपत से बलजीत सिंह, रेवाड़ी से राम सिंह यादव, सोनीपत से राजेंद्र सिंह, पंचकूला से रचना रामपाल, बहादुरगढ़ से डीपी दहिया, आरके जून, फरीदाबाद से एसके भाटिया, हिसार के सतपाल ठाकुर, दीपक सुरा, राजेंद्र सैनी, डीएस खर्ब, इंद्रसिंह मलिक व जगमेंद्र बामल ने भी संबोधित किया।

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