हरियाणा में जजपा के दो विधायक दे सकते हैं इस्तीफा
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 जून
हरियाणा में अल्पमत में आई नायब सरकार को स्थिर करने के लिए सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। दोनों नेताओं ने जजपा के तीन विधायकों के साथ चंडीगढ़ में अहम बैठकें कीं। सूत्रों के अनुसार, जजपा के दो विधायक- नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगीराम सिहाग विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। दोनों विधायकों ने बुधवार रात मुख्यमंत्री आवास पर नायब सैनी से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व सीएम मनोहर लाल भी मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से जजपा के इन दोनों विधायकों का इस्तीफा दिलवाने की तैयारी है। आगामी विधानसभा चुनाव में ये दोनों विधायक भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
वहीं, बृहस्पतिवार को विधानसभा सचिवालय में सीएम नायब सैनी ने टोहाना के विधायक व पूर्व विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली से मुलाकात की। माना जा रहा है कि बबली काे भी मनाने की कोशिश की जा रही है।
12 मार्च को मनोहर लाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के बाद बबली इस्तीफा देने को तैयार थे, लेकिन भाजपा उस समय इसके लिए तैयार नहीं थी। इसके बाद बबली ने समर्थकों से रायशुमारी कर सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा के समर्थन का ऐलान कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार को सीएम नायब सैनी ने बबली को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। लेकिन बबली की ओर से कहा गया है कि वे अब अपने लिए राजनीतिक राह चुन चुके हैं। गौरतलब है कि जजपा विधायकों रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहागने लोकसभा चुनाव में भाजपाा प्रत्याशियों को न केवल समर्थन देने का ऐलान किया था, बल्कि भाजपा नेताओं के साथ मंच भी साझा किए थे। जजपा ने दोनों की दल-बदल कानून के तहत सदस्यता रद्द करने के लिए स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को लिखित में शिकायत की हुई है।
इसलिए इस्तीफे की संभावना : भाजपा के लिए लोकसभा के नतीजे अच्छे नहीं रहे। वह पांच सीटें ही जीत पाई है। पांच सीटों पर कांग्रेस की जीत से विपक्ष मजबूत हुआ है। ऐसे में अल्पमत में चल रही नायब सरकार पर दबाव बढ़ेगा। माना जा रहा है कि इससे जजपा के दोनों विधायकों का इस्तीफा दिलवाने की प्लानिंग की जा रही है।
ऐसे बनेगा मैजिक नंबर
नायब सैनी की जीत के बाद भाजपा विधायकों की संख्या 41 हो गई है। रानियां से विधायक रणजीत सिंह इस्तीफा दे चुके हैं। निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में 90 सदस्यों वाली विधानसभा में 88 विधायक हैं। मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी सांसद बने हैं। अब संख्या 87 रह जाएगी। जजपा के दो विधायक अगर इस्तीफा देते हैं तो यह आंकड़ा 85 को हो जाएगा। बहुमत के लिए 43 विधायकों की जरूरत होगी। भाजपा के 41 विधायकों के अलावा पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत और सिरसा से हलोपा के गोपाल कांडा ने सरकार को समर्थन दिया हुआ है। नायब सरकार के पास संख्या बल 43 हो जाएगा।