अदालत की अवमानना में सेवानिवृत्त डीए सहित दो हुए मुक्त
कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 22 दिसंबर
हिसार दो तत्कालीन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों व एक रीडर के खिलाफ भ्रष्टाचारों का आरोप लगाते हुए करीब पौने पांच साल पहले एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई गई खबरों के मामले में जारी अदालत की आपराधिक अवमानना के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने सेवानिवृत्त जिला न्यायवादी एडवोकेट मुलकराज मेहता सहित दो को मुक्त कर दिया है। जिन दो न्यायाधीशों के खिलाफ खबरें प्रकाशित की गई थी उनमें से एक न्यायाधीश आरके जैन जांच में दोषी पाया जा चुका है वहीं दूसरी महिला जज परमवीर निज्जर व एक रीडर विजय ने चार्जशीट के बाद ही ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इसके अलावा सेवानिवृत्त जिला न्यायवादी और संबंधित समाचार पत्र के संपादक ने खंडन प्रकाशित कर बिना शर्त माफी भी मांग ली थी। मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर और न्यायाधीश सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि यदि प्रकाशित समाचार स्पष्ट रूप से सत्य और सार्वजनिक हित में है और इसे सद्भावनापूर्वक बनाया गया है, तो उसको उचित वैधानिक संरक्षण प्राप्त हो जाता है, क्योंकि इससे सार्वजनिक हित सुरक्षित हो जाता है। इससे न्यायपालिका के कामकाज में पारदर्शिता और अखंडता भी आएगी। इस मामले में अवमाननाकर्ताओं ने बिना शर्त माफी भी मांगी है और पूर्व में प्रकाशित अपमानजनक खबरों को वापस भी ले लिया है। इसलिए दोनों अवमाननाकर्ताओं को दोषमुक्त किया जाता है। मामले के अनुसार सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश एडवोकेट मुलकराज मेहता ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परमवीर निज्जर और आरके जैन व अदालत के एक रीडर विजय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए खबर प्रकाशित करवाई। इस पर सेवानिवृत्त डीए सहित दो के खिलाफ कंटेंप्ट रेफरेंस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को भेजा गया।