कोच सेंटर के मालिक समेत दो गिरफ्तार, जांच के लिए टीमें गठित
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में शनिवार रात बारिश का पानी भरने से तीन विद्यार्थियों की मौत के मामले की जांच के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं। ‘राऊज आईएएस स्टडी सर्किल’ नामक इस कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम बेसमेंट में 18 से ज्यादा छात्र मौजूद थे, जब भारी बारिश के बाद उसमें पानी भर गया। सूत्रों के अनुसार, बेसमेंट का दरवाजा बंद था, लेकिन बारिश के पानी के अत्यधिक बहाव के कारण यह टूट गया और पानी घुस गया। बचाव अभियान के दौरान बेसमेंट से दो छात्राओं और एक छात्र का शव बरामद किया गया। इनकी पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल में एर्नाकुलम के रहने वाले नवीन दलविन के रूप में की गई है।
दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने अग्निशमन विभाग को भी बेसमेंट के बारे में इसी तरह की जानकारी दी थी, जिससे मानदंडों का उल्लंघन हुआ है। गर्ग ने कहा, ‘इमारत के पास अग्निशमन एनओसी है, लेकिन एनओसी में उन्होंने बेसमेंट को भंडारण कक्ष के रूप में दिखाया था। संस्थान का प्रबंधन उसी कमरे का उपयोग कक्षा या पुस्तकालय के रूप में कर रहा था, जो एनओसी का उल्लंघन है।' उन्होंने आगे कहा कि बेसमेंट से पानी निकालने का कोई रास्ता नहीं था। इस बीच, दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने भवन उपनियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और यह पता लगाने के निर्देश जारी किए हैं कि क्या इस घटना के लिए कोई एमसीडी अधिकारी जिम्मेदार है।
बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज की अनुमति थी, बना दी लाइब्रेरी
अधिकारियों के अनुसार, ‘ राऊज आईएएस स्टडी सर्किल’ के दस्तावेजों में हेरफेर कर बेसमेंट को स्टोरेज रूम के रूप में दिखाया गया था, जबकि इसका इस्तेमाल लाइब्रेरी के तौर पर किया जा रहा था। भवन योजना और अग्निशमन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने गलत तरह से यह दर्शाया था कि बेसमेंट का उपयोग पार्किंग और भंडारण कक्ष के रूप में किया जा रहा था। तीन मंजिला कोचिंग सेंटर के बिल्डिंग प्लान को दिल्ली नगर निगम के संबंधित विभाग ने 2021 में मंजूरी दी थी। एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘कोचिंग सेंटर के भवन निर्माण प्रमाण पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग और भंडारण के लिए ही किया जा सकता है। इसका मतलब है कि बेसमेंट का अवैध रूप से लाइब्रेरी के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।'
बायोमीट्रिक दरवाजा न खुलने से फंसे छात्र
दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोचिंग सेंटर के मालिक की ओर से घोर आपराधिक लापरवाही की गई है। बेसमेंट में लाइब्रेरी अवैध रूप से बनाई गयी थी। इसमें केवल एक ही दरवाजा था। यह बायोमीट्रिक आधारित दरवाजा पानी के कारण बंद हो गया। यदि बाहर निकलने का रास्ता खुला होता तो छात्र बच सकते थे। एमसीडी के अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हिरासत में लिया
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में रविवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। ये छात्र कोचिंग सेंटर हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने करोल बाग मेट्रो स्टेशन के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जिससे क्षेत्र में भारी यातायात जाम हो गया। छात्रों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई, जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।