42 दिन तक बंद रहेंगे टीवी, साइलेंट रहेंगे फोन, सिस्सू में नहीं होगी सैलानियों की एंट्री
अखिलेश महाजन/ निस
चंबा (मनाली), 15 जनवरी
पर्यटन स्थल मनाली की ऊझी घाटी अगले 42 दिन तक दैविक परंपरा का निर्वहन करते हुए बंद रहेगी। देव आदेश के चलते इस घाटी के ऐतिहासिक गांव गोशाल सहित नौ गांवों कोठी, सोलंग, पलचान, रुआड़, कुलंग, शनाग, बुरुआ तथा मझाच के लोग 26 फरवरी तक किसी उत्सव का आयोजन नहीं करेंगे। यहां इस दौरान कृषि कार्य भी परंपरा के मुताबिक बंद रहेंगे। लोग खेत-खलिहानों में काम नहीं करेंगे। इसके पीछे तर्क है गांव के आराध्यदेवों के कपाट बंद हो गए हैं और मान्यता अनुसार अराध्यदेव गौतम ऋषि, व्यास ऋषि और कंचन नाग देवता विधि पूर्वक स्वर्ग प्रवास के लिए चले गए। इस दौरान देवता तपस्या में लीन रहेंगे। जिसके चलते मंदिर के प्रांगण सहित गांव का माहौल शांत रहेगा। गांव में देवलूओं ने देव विधि अनुसार देव आदेश लागू करवाए हैं। अब 42 दिन तक मंदिर का प्रांगण सुनसान रहेगा। न पूजा होगी और न ही मंदिर की घंटियां बजेगी। देवालय की घंटियां बांध दी गई हैं। गोशाल गांव के घरों में अब न रेडियो बजेगा न ही टीवी चलेगा। मोबाइल फोन भी साइलेंट मोड पर रखे जाएंगे। सैलानियों की पहली पसंद सिस्सू पर्यटन स्थल में 15 जनवरी से 28 फरवरी तक कोई भी पर्यटन गतिविधि नहीं होगी।
42 दिन बाद साल भर की होगी भविष्यवाणी
पुजारी चमन लाल व कारदार हरि सिंह कहते हैं कि विधि पूर्वक देवालय बंद कर दिए गए हैं और पिंडियों पर लगाई गई मृदा लेप भी 42 दिन बाद हटाई जाएगी। देवताओं के स्वर्ग प्रवास से लौटने पर जश्न होगा। सालभर की भविष्यवाणी होगी। उसके बाद मंदिर के कपाट खुलेंगे।
कार्तिक स्वामी के कपाट बंद भगवान्ा कार्तिकेय सिमसा के कपाट बंद रहेंगे। इस बीच पांच गांव सिमसा ,कन्याल, छियाल, मढ़ी, रांगडी में किसी भी तरह का शोर,ऊंची आवाज़ में गाना बजाना व मिट्टी खुदाई पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिर कमेटी सिमसा व कारदार कार्तिक स्वामी सिमसा ने सभी ग्रामीणों से देव आदेश के पालन करने का आग्रह किया है। कमेटी के सदस्य रोशन ठाकुर ने बताया कि 14 फरवरी को मंंदिर के कपाट खुलने पर फागली का आयोजन होगा।