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टीवी सितारों को पसंद गुलाल उड़ाना, गुजिया खाना

08:28 AM Mar 23, 2024 IST
हिमानी शिवपुरी सभी चित्र लेखक
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रेणु खंतवाल
बसंत आते ही बगीचों में खिले रंग-बिरंगे फूल होली के आने का आभास करा देते हैं। सप्ताह भर पहले से ही हर कोई होली की तैयारियों में लग जाता है। कोई कितना ही व्यस्त क्यों न हो, होली खेलने के लिए समय निकाल ही लेता है। टीवी की बात करें तो इस समय लगभग हर डेली सोप में होली खेली जा रही है। अपने पसंदीदा सितारों को टीवी पर होली खेलते देखना दर्शकों को बहुत भाता है। लेकिन ये सितारे अपनी असल जिंदगी में होली को कैसे इंजॉय करते हैं। होली से जुड़ी उनकी यादें कैसी हैं? यहां हम, आपके कुछ चहेते टीवी कलाकारों के होली के अनुभव साझा कर रहे हैं –

हिमानी शिवपुरी

होली की यादों में सबसे पहले दून स्कूल में खेली गई बचपन की होली याद आती है। हम सब बच्चे टेसू के फूलों को पानी में भिगोते और पिचकारियों में भरकर होली खेलते थे। होली से 2-3 दिन पहले मां रात को हमें अपने साथ गुजिया बनाने में लगा देती थीं। दिल्ली में एनएसडी आई तो यहां की होली बहुत ही मस्त होती थी। भांग पीकर कोई पेड़ पर चढ़ा है तो कोई हंसे जा रहा है। खूब नाच गाना होता था। इन दिनों मैं ‘हप्पू की उल्टन पल्टन’ शो कर रही हूं। यहां पूरी बच्चा पार्टी खूब होली खेलती है। इस बार होली में देहरादून जा रही हूं। हो सकता है भाई के साथ होली पर नानी के घर जाऊं।

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विभव रॉय

विभव रॉय

बचपन में मैंने दिल्ली में खूब होली खेली है। होली वाले दिन हम खूब शरारतें करते और जमकर होली खेलते। अब मुंबई में हूं और ‘शैतानी रस्में’ शो कर रहा हूं। यहां सेट पर स्टार कास्ट एवं क्रू के साथ हम सबकी पहली होली है। मेरे मम्मी-पापा दिल्ली से होली पर मुंबई आ रहे हैं। घर पर हम सिम्पल तरीके से एक -दूसरे को रंग लगाकर, एक साथ खाना खाकर, गप्पें मारकर होली मनाते हैं। किसी अच्छी होली पार्टी में भी जा सकता हूं। मैं डाइट का ख्याल रखता हूं लेकिन होली पर मैं खूब गुजिया, मालपुआ खाता हूं।

अंकित बठला

इन दिनों ‘मैं सावधान इंडिया : अपनी खाकी’ शो कर रहा हूं। पुलिस ऑफिसर शिवा अग्निहोत्री की भूमिका निभा रहा हूं। मुझे होली बहुत पसंद है और सबसे ज्यादा इंतजार रहता है रंगों, गुजिया और रेनडांस का। बचपन में हम खूब होली खेलते थे। मुझे आज भी याद है मम्मी सुबह हमारे शरीर पर अच्छी तरह तेल लगाती और चेहरे पर क्रीम, ताकि पक्का रंग न चढ़े। होली के लिए सफेद रंग के कपड़े खरीदे जाते थे। कई तरह के रंग, पिचकारी और गुब्बारे खरीदते। होली ऐसा त्योहार है जिसमें सभी एक रंग में रंगे होते हैं। इस बार मैं अपने दोस्तों के साथ होली मनाऊंगा।

अनेरी वजानी

अनेरी वजानी

होली मेरा मनपसंद त्योहार रहा है। इन दिनों मैं स्टार भारत के शो ‘बाघिन’ में लीड किरदार निभा रही हूं। होली शब्द सुनते ही सिलसिला फिल्म का गीत ‘रंग बरसे… ’ याद आ जाता है। बचपन में मैं बहुत होली खेलती थी। सुबह होते ही हमारी होली शुरू हो जाती और शाम तक चलती। इस बार होली के अगले दिन मेरा जन्मदिन है इसलिए अभी मैंने कोई प्लान नहीं बनाया है।

अंश बागरी

होली का त्योहार आते ही बचपन की यादें ताजा हो आती हैं। कैसे हम खूब एक-दूसरे के ऊपर पानी की बौछार किया करते करते थे। लेकिन वक्त बदला है, अब पानी का महत्व समझता हूं और होली रंगों, फूलों से ही खेलता हूं। होली हमारे जीवन में खुशियों के रंग भर देती है। आप यदि बाजार जाओ तो होली के रंगों को देखकर मन उत्साह से भर जाता है। ये रंग हमारी विभिन्न भावनाओं के प्रतीक ही तो हैं। हमें हर रंग को अपनाकर उसे जिंदगी में महसूस करना चाहिए। होली के दिन हर रंग में रंग जाना चाहता हूं।

बृजेंद्र काला

ब्रिजेंद्र काला

मेरा बचपन मथुरा में बीता, जहां सबसे जबरदस्त होली खेली जाती है। मथुरा में होली बहुत पहले से शुरू हो जाती है और हम भी बचपन में खूब जमकर होली खेलते थे। फूलों से, रंगों से, पानी से। यह मौसम के परिवर्तन का समय होता है, इसे ध्यान में रखकर हम गुनगुने पानी को पिचकारी में भरते और एक-दूसरे पर डालते। होली पर दो गाने मैं बचपन से अब तक इस दिन जरूर सुनता हूं- ‘आज न छोड़ेंगे..’ और दूसरा ‘रंग बरसे..’। 24 को मैं लखनऊ में शूटिंग कर रहा हूं और 25 को होली पर घर आऊंगा। अब हम सिम्पल तरीके से होली मनाते हैं। परिवार के साथ समय बिताकर, एक-दूसरे को रंग लगाकर। -सभी चित्र लेखक

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