पगड़ी हरियाणा की लोक सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक : महासिंह पूनिया
कुरुक्षेत्र, 12 नवंबर (हप्र)
पगड़ी हरियाणा की लोक सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। पगड़ी का मानव जीवन से गहारा नाता है। पगड़ी की शुरुआत का रिश्ता मानव की सभ्यता एवं उसके विकास से जुड़ा हुआ है। इसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। ये उद्गार लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने धरोहर में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में आयोजित पगड़ी एवं धोती बांधने की कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि लोक जीवन में पगड़ी को पग, पाग, साफा, खंडवा, खंडका, शीषकाय, मोलिया, पेचा आदि नामों से जाना जाता है। भगवान शिव की जटाओं से पगड़ी की शुरुआत हुई। यह परम्परा हूणों, शकों, महाराजा हर्षवर्धन, मुगलकाल के माध्यम से आधुनिक काल तक पहुंची।
डॉ. पूनिया ने बताया कि पगड़ी संस्कार है, पगड़ी परम्परा है, पगड़ी संस्कृति है, पगड़ी मान-सम्मान है, पगड़ी सामाजिक प्रतीक है, पगड़ी हमारी धरोहर व विरासत है। उन्होंने कहा कि धरोहर में पगड़ी एवं धोती बांधने की कार्यशाला पहली बार आयोजित की जा रही है, इससे युवा पीढ़ी को लाभ मिलेगा। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रो. नीलम ढांडा ने कहा कि धरोहर के माध्यम से पगड़ी एवं धोती बांधने की कला युवाओं को जहां एक ओर रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगी, वहीं पर दूसरी ओर लोक सांस्कृतिक परम्पराओं से जोड़ेगी।
इस मौके पर ललित कला विभाग के अध्यक्ष डॉ. गुरचरण ने कहा कि पगड़ी हरियाणा नहीं अपितु भारतीय संस्कृति की प्रतीक है। युवा पीढ़ी को उससे जुड़कर इस परम्परा को बचाने का कार्य करना चाहिए। इससे पूर्व धरोहर हरियाणा संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. कुलदीप सिंह आर्य ने कार्यशाला के आयोजन पर सभी मेहमानों का स्वागत किया। दीप जलाकर तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर पुरुष छात्रावास के चीफ वार्डन डॉ. जसबीर ढांडा, महिला छात्रावास की चीफ वार्डन प्रो. कुसुम लता, उप-निदेशक डॉ. सलोनी पवन दिवान, डॉ. जितेन्द्र जांगड़ा मौजूद थे।
डॉ. कुलदीप सिंह आर्य ने संभाला क्यूरेटर का कार्यभार
मंगलवार को धरोहर हरियाणा संग्रहालय के सुपरवाइजर डॉ. कुलदीप सिंह आर्य ने तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक धरोहर हरियाणा संग्रहालय के क्यूरेटर का कार्यभार संभाला। लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने दी। उन्होंने बताया कि डॉ. कुलदीप सिंह आर्य ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वह इस महत्वपूर्ण जिम्मेवारी का निर्वहन पूरी लगन व निष्ठा के साथ करेंगे।