सत्य-अर्द्धसत्य
एक चिड़िया के बच्चे होने वाले थे। वह आशियाने की तलाश में जंगल में पहुंची। वहां उसको दो पेड़ दिखे जो नदी के किनारे पर थे। उसने पहले पेड़ से अपना घर बनाने के लिए पूछा। पहले पेड़ ने मना कर दिया! अब वो दूसरे पेड़ के पास पहुंची तो दूसरे पेड़ ने इसको इजाजत दे दी। लेकिन कुछ दिनों बाद एक घटना घटी। अचानक बाढ़ आ गयी और जिस पेड़ ने उसे मना किया था वो उखड़कर बह गया। ये देखकर अन्य पेड़ पर बैठी चिड़िया बोली कि जो दूसरों की मदद नहीं करते उनके साथ ऐसा ही होता है। कभी-कभी भिखारी भी मदद कर देते हैं। बहते हुए पेड़ ने बहुत ही शालीनता के साथ जवाब दिया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरी जड़ें कमजोर थीं इसलिए मैंने आपको मना किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि आपका और आपके नन्हे बच्चों का भविष्य मेरी वजह से बह जाए। यह सुनकर उस चिड़िया की आंखें फ़टी की फटी रह गयीं कि मैं कितनी गलत थी।
प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी