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हाईकोर्ट में उजागर हुई सच्चाई, स्कूलों में बिजली, पानी, टॉयलेट नहीं : हुड्डा

11:00 AM Nov 26, 2023 IST
रोहतक में शनिवार को नेता विपक्ष एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पत्रकारों से बातचीत करते हुए। -निस

रोहतक, 25 नवंबर (निस)
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नये स्कूल बनाना तो दूर भाजपा-जजपा सरकार पहले से स्थापित स्कूलों में बिजली, पानी, और टॉयलेट तक मुहैया नहीं करवा रही है। गठबंधन सरकार की शर्मसार करने वाली यह सच्चाई हाईकोर्ट में उजागर हुई है। पूर्व सीएम शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार पर लगाए गए 5 लाख के जुर्माने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद से भाजपा लगातार हरियाणा के शिक्षा तंत्र को नीतिगत तरीके से बर्बाद कर रही है। पहले तो भाजपा ने टीचर्स की भर्तियां बंद की। इस सरकार ने नौ साल में अब तक एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली। उसके बाद सरकार ने अध्यापकों से पढ़ाई का काम छुड़वाकर उनकी मंडी व मेलों में व्यवस्था संभालने और परिवार पहचान पत्र बनाने में जैसे कामों में ड्यूटी लगाई गई। फिर रेशनेलाइजेशन जैसी पॉलिसी लाकर टीचर्स के हजारों पदों को खत्म कर दिया गया। हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने के लिए नई-नई नीतियां लागू की। यहां तक कि प्राइवेट स्कूलों को सरकारी स्कूल गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उसके बाद मर्जर के नाम पर करीब 5000 स्कूलों को बंद कर दिया गया। अब हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे से पता चलता है कि ये सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अजा, पिछड़े वर्ग, गरीब व किसान वर्ग के बच्चों को हर एक सुविधा और शिक्षा से वंचित करना चाहती है। शिक्षा विभाग ने खुद बताया है कि आज हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी तक नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया। हर घर शौचालय का नारा देने वाली सरकार ने 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए एक भी शौचालय नहीं बनवाया।

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आरोप शराब घोटाले को दबा रही सरकार

नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा कि सरकार भर्ती घोटालों के साथ शराब घोटाले व जहरीली शराब के मामलों को भी दबाने में लगी है। अबतक लॉकडाउन शराब घोटाले में किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। नशा कारोबारियों को सरकार द्वारा संरक्षण दिए जाने का ही नतीजा है कि पहले सोनीपत और अब यमुनानगर में जहरीली शराब से दर्जनों लोगों की मौत हो गई। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, लेकिन सच्चाई उजागर होने के डर से सरकार किसी भी मामले की जांच सिरे नहीं चढ़ने देती।

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