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Trump Tariffs: अमेरिकी टैरिफ से दुनियाभर में मची खलबली, भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं पर पड़ेगा असर

11:09 AM Mar 27, 2025 IST
trump tariffs  अमेरिकी टैरिफ से दुनियाभर में मची खलबली  भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं पर पड़ेगा असर
डोनाल्ड ट्रंप। रायटर्स फाइल फोटो
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नई दिल्ली, 27 मार्च (एजेंसी)

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Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटोमोबाइल आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा का भारतीय वाहन निर्माताओं की तुलना में ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं पर अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत के इंजन और पावरट्रेन पार्ट्स, ट्रांसमिशन और इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

ऑटो कंपोनेंट उद्योग पर सबसे ज्यादा प्रभाव

ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि अप्रैल से अमेरिका में आयातित वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जबकि मई से इंजन, ट्रांसमिशन और अन्य ऑटो पार्ट्स पर भी अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लागू किया जाएगा। एक उद्योग अधिकारी ने कहा, "भारतीय वाहन निर्माताओं पर इसका असर कम रहेगा क्योंकि भारत से अमेरिका को पूरी तरह निर्मित कारों (Fully Built Cars) का निर्यात नगण्य है।"

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उद्योग के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से अमेरिका को ऑटो कंपोनेंट्स का निर्यात 6.79 अरब डॉलर का था, जबकि अमेरिका से भारत का आयात 1.4 अरब डॉलर रहा, जिस पर पहले से ही 15 प्रतिशत शुल्क लगाया जा रहा था। ट्रंप के ऐलान से पहले, अमेरिका में भारतीय ऑटो कंपोनेंट्स पर लगभग शून्य टैरिफ लागू था।

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'तूफान नहीं, लेकिन झटका जरूर': विशेषज्ञों की राय

JATO Dynamics India के अध्यक्ष एवं निदेशक रवि जी भाटिया ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ का असर निश्चित रूप से होगा, लेकिन यह बहुत बड़ा झटका नहीं होगा। "भारत को विशेष रूप से निशाना नहीं बनाया गया है, यह टैरिफ भारत के प्रतिस्पर्धियों पर भी लागू होगा।"

उन्होंने कहा कि भारतीय आपूर्तिकर्ता अपनी कम लागत वाली विनिर्माण क्षमताओं के बल पर अमेरिकी बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने का रास्ता निकाल सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह टैरिफ उन भारतीय वाहन निर्माताओं के लिए चिंता का विषय हो सकता है जो अमेरिकी बाजार में विस्तार की योजना बना रहे थे, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में।

भारतीय कंपनियों की रणनीति: अमेरिका से बाहर निर्माण

कुछ प्रमुख भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं ने पहले से ही मेक्सिको और कनाडा में संयंत्र स्थापित कर रखे हैं ताकि वे NAFTA (North American Free Trade Agreement) के तहत अमेरिका को आपूर्ति जारी रख सकें।

इनमें प्रमुख नाम मोंथरसन ग्रुप का है, जो भारत की शीर्ष ऑटो कंपोनेंट कंपनियों में से एक है। हालांकि, समूह की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं मिली है।

सम्वर्धना मोंथरसन इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक लक्ष वामन सहगल ने पिछली तिमाही की आय रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी के पास 'ग्लोबली लोकल' (Globally Local) रणनीति है, यानी वे अपने ग्राहकों के पास ही विनिर्माण संयंत्र स्थापित करते हैं।

क्या होगा भारतीय ऑटो उद्योग का भविष्य?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय ऑटो कंपोनेंट उद्योग को इस टैरिफ से कुछ हद तक झटका लग सकता है, लेकिन भारतीय कंपनियां अपनी लागत-कुशल उत्पादन रणनीतियों और आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाकर इस प्रभाव को कम कर सकती हैं।

हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिका में वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं पर टैरिफ वृद्धि का क्या प्रभाव पड़ता है, क्योंकि वाहनों की कीमतें बढ़ने से अमेरिका में ऑटोमोबाइल बाजार में मंदी भी आ सकती है।

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