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ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला, Harvard University में अब विदेशी छात्रों के नामांकन की अनुमति नहीं

09:31 AM May 23, 2025 IST
ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला  harvard university में अब विदेशी छात्रों के नामांकन की अनुमति नहीं
हार्वर्ड विश्वविद्यालय की फाइल फोटो। रॉयटर्स
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न्यूयॉर्क, 23 मई (एजेंसी)

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Harvard University: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (SEVP) की मान्यता रद्द कर दी है, जिससे विश्वविद्यालय अब 2025-2026 शैक्षणिक सत्र से अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन नहीं कर सकेगा। साथ ही, वर्तमान विदेशी छात्रों को अन्य संस्थानों में स्थानांतरित होने को कहा गया है।

गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने विश्वविद्यालय पर “हिंसा को बढ़ावा देने, यहूदी विरोधी गतिविधियों को सहन करने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ तालमेल रखने” का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया। इसके साथ ही नोएम ने संकेत दिया कि अन्य विश्वविद्यालयों — जैसे कि न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी — पर भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है।

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हार्वर्ड ने इस कदम को “अवैध और प्रतिशोधात्मक” करार देते हुए कहा कि इससे न केवल विश्वविद्यालय की अकादमिक और शोध मिशन को गहरी क्षति पहुंचेगी, बल्कि देशभर में शिक्षा की स्वतंत्रता भी खतरे में पड़ जाएगी।

विदेशी छात्रों के भविष्य पर संकट

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में वर्तमान में लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र नामांकित हैं, जो कुल छात्र संख्या का 27% हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या चीनी छात्रों की है, जिनकी संख्या 2022 में 1,016 थी। इसके बाद कनाडा, भारत, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और जापान से छात्र आते हैं।

हार्वर्ड के अनुसार, यह निर्णय हजारों छात्रों के भविष्य को दांव पर लगाता है जो किसी भी गलत गतिविधि में शामिल नहीं हैं, बल्कि महज़ राजनीतिक प्रतिशोध का "कोलैटरल डैमेज" बन गए हैं।

5 साल की गतिविधियों की मांगी गई रिकॉर्डिंग

नोएम ने हार्वर्ड से 72 घंटे के भीतर विदेशी छात्रों की गतिविधियों, विशेष रूप से पिछले 5 वर्षों के किसी भी विरोध प्रदर्शन की वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग सौंपने को कहा है। ऐसा न करने पर मान्यता की बहाली संभव नहीं होगी।

डेमोक्रेट्स और विशेषज्ञों की आलोचना

इस कदम की कांग्रेस में तीखी आलोचना हुई है। डेमोक्रेट सांसद जेमी रास्किन ने इसे “हार्वर्ड की स्वतंत्रता और अकादमिक स्वायत्तता पर असहनीय हमला” बताया है। वहीं अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल के वरिष्ठ विशेषज्ञ आरोन रीचलिन-मेलनिक ने कहा, “ट्रंप प्रशासन निर्दोष छात्रों को राजनीतिक रणनीति का शिकार बना रहा है।”

पृष्ठभूमि में राजनीतिक टकराव

हार्वर्ड प्रशासन और ट्रंप सरकार के बीच यह टकराव कोई नया नहीं है। हाल ही में ट्रंप ने विश्वविद्यालय को दिए गए 3 अरब डॉलर की संघीय अनुदान राशि फ्रीज़ कर दी थी, जिसके खिलाफ हार्वर्ड ने मुकदमा दायर किया है। इसके अलावा, यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय में प्रख्यात डेमोक्रेट नेताओं की नियुक्तियों को लेकर भी ट्रंप नाराज हैं।

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