मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

मां की सच्ची शिक्षा

12:52 PM Aug 30, 2021 IST
featuredImage featuredImage

जिन दिनों अमेरिका में दास-प्रथा थी, तब एक धनी व्यक्ति ने बेंकर नाम के गुलाम को खरीदा। बेंकर बड़ा ही मेहनती था, इसलिए उसका मालिक उससे खुश रहता था। एक दिन बेंकर मालिक को गुलामों की मंडी में ले गया और उनसे एक बूढ़े गुलाम को खरीदने का आग्रह किया, जिसे मालिक ने खरीद लिया और घर ले आया। बेंकर उस बूढ़े दास की खूब सेवा करता था, तो मालिक ने हैरान होकर पूछा कि क्या बूढ़ा उसका रिश्तेदार है? बेंकर ने बताया कि वह बूढ़ा तो उसका दुश्मन है, जिसने उसे दास के रूप में बेच दिया था और बाद में खुद पकड़ा गया और अब गुलाम है। मालिक ने पूछा कि तुम इसकी मदद क्यों करते हो, तो बेंकर ने कहा कि मेरी मां ने सिखाया है कि अगर दुश्मन भूखा हो तो रोटी दो, नंगा हो तो कपड़ा दो, प्यासा हो तो पानी पिलाओ। मां की उसी शिक्षा का पालन करते हुए मैं इस असहाय की सेवा करता हूं। बेंकर की बात सुनकर मालिक ने उसे गले लगा लिया और दोनों को आज़ाद कर दिया।

Advertisement

प्रस्तुति : योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’

Advertisement
Advertisement
Tags :
शिक्षासच्ची