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शरीफों से ज्यादा डाकुओं की टीआरपी

07:24 AM Sep 10, 2024 IST
शरीफों से ज्यादा डाकुओं की टीआरपी

आलोक पुराणिक

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भारत सॉफ्टवेयर की दुनिया में अपनी बुलंदी के चाहे जितने दावे कर ले, पर एक मामले में पाकिस्तान भारत से आगे है।
पाकिस्तान में डाकुओं ने अपना यूट्यूब चैनल बना लिया है। उस पर डाकू वीडियो डालते हैं। वीडियो में डाकू टाॅप पुलिस अफसरों को धमकाते हैं। तकनीक का इस्तेमाल पाकिस्तान सरकार भले ही न कर पाये, पर पाकिस्तान के डाकू इस मामले में एडवांस्ड हैं। पाकिस्तान में यह शिकायत आम है कि पाकिस्तान सरकार इंटरनेट को धीमा कर देती है। पर पाकिस्तान के डाकू धुआंधार यूट्यूब चैनल बनाकर चला रहे हैं।
पाकिस्तान को तीन मामलों में गंभीरता से लिया जाना चाहिए— पहला मामला क्रिकेट का, दूसरा मामला कॉमेडी और तीसरा मामला आतंक का। कॉमेडी के मामले में पाकिस्तान बहुत आगे है। गंभीर खबरें भी कॉमेडी टाइप हो जाती हैं। डाकुओं का यूट्यूब चैनल— यह सचमुच की खबर है, पर इससे कॉमेडी ही निकल रही है।
चिंताएं दूसरी भी हैं। डाकू यूट्यूब पर आ रहे हैं, इसे देखकर जेबकट और चेन स्नैचर टाइप अपराधी भी यूट्यूब पर आयेंगे। अपने आफर पेश करेंगे। चेन स्नैचर आफर पेश कर सकते हैं कि हम बहुत सलीके से चैन स्नैचिंग करते हैं। आराम से चैन खींचते हैं। जेबकट भी कह सकते हैं कि हम भी बहुत सलीके से जेब काटते हैं। हमसे ही जेब कटवायें, एक बार हमसे जेब कटवा लें, तो फिर आपकी जेब अगली छह महीनों तक कोई दूसरा जेबकट न काटेगा। इस तरह के आफर आयेंगे।
दुनिया जहान के हर धंधे के लोग अब यूट्यूब पर आ गये हैं। पाकिस्तान सरकार का हाल यह है कि वहां पाकिस्तान तो है, पर सरकार नहीं है। पाकिस्तान के एक हिस्से में अफगानिस्तान समर्थक पाकिस्तानी तालिबान का कब्जा है। एक हिस्से पर डाकू यूट्यूब चैनल चला रहे हैं। एक हिस्से पर बलोच अलगाववादी हिंसा मचा रहे हैं।
पर सवाल यह है कि यूट्यूब वाले डाकुओं को अपने यहां जगह देते क्यों हैं। जवाब यह है कि डाकुओं की टीआरपी शरीफों से ज्यादा होती है। डाकुओं को लोग देखना पसंद करते है। इस कदर डाकुओं को पसंद करते हैं कि कुछ डाकू तो नेता मंत्री भी हो जाते हैं। बहुत संभव है ये डाकू जल्दी इतने पॉपुलर हो जायें पाकिस्तान में कि चुनाव लड़कर या बिना चुनाव लड़े ही मंत्री हो जायें। वैसे पाकिस्तान में डाकू और मंत्री में कुछ खास फर्क होता नहीं है। फर्क बस इतना-सा है कि मंत्री संविधान की शपथ लेकर लूटता है। शुद्ध डाकू संविधान की शपथ के चक्कर में न पड़ता, सीधे ही लूटपाट शुरू कर देता है।
पाकिस्तान में सब कुछ संभव है। डाकू नेता हो जाता है, नेता और बड़ा डाकू हो जाता है, फिर ये मिलकर आतंकवादी हो जाते हैं। पाकिस्तान है तो सब मुमकिन है।

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