Road Accident: नीलोखेड़ी में खड़ी कार पर गिरा पेड़, देवरानी-जेठानी की मौत
नीलोखेड़ी, 13 सितम्बर (निस)
Road Accident: कहते हैं कि ‘मृत्यु का समय और स्थान निश्चित है और स्थान चलकर कहीं नहीं जााता...। नीलोखेड़ी में पॉलीटेक्निक के समीप खड़ी एक कार पर बरसों पुराना पेड़ गिर गया। हादसे में कार की पिछली सीट पर बैठीं दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार चालक कार खड़ी करके फुटपाथ पर लगी फड़ी से फ्रूट खरीदने गया था।
कुछ ही सेकेंड में हुए इस हादसे में गांव सावंत निवासी जेठानी सुनहरी देवी (68) और देवरानी बिमला देवी (58) की मौत हो गई, जबकि कार चालक सुनहरी देवी का पुत्र प्रवीन बाल-बाल बच गया। हादसे के बाद काफी देर तक यातायात भी अवरुद्ध रहा। जिसे पुलिस ने क्रेन की मदद से पेड़ हटाकर सड़क चालू करवाया।
घटनास्थल के नजदीक ढाबा चला रहे प्रत्यक्षदर्शी व्यक्ति ने बताया कि जैसे ही वह दोपहर के भोजन की तैयारी कर रहा था तो देखा कि साथ खड़े पेड़ की जड़ों के समीप मिट्टी उखडऩे लगी। वह तुरंत पेड़ से दूर भागा तो देखते ही देखते पेड़ धराशायी होकर कार पर गिर गया।
गनीमत यह रही कि पॉलीटेक्निक की छुट्टी नहीं हुई थी, जिसके चलते पेड़ के नीचे सहित घटनास्थल पर छोटे-2 कई ढाबों पर विद्यार्थियों सहित राहगीर खाना खाने के लिए एकत्रित नहीं हुए थे, अन्यथा हादसा और भी भयानक हो सकता था। पेड़ बिजली की हाईवोल्टेज तारों के ऊपर गिरने से बिजली सप्लाई बंद हो गई। सूचना मिलते ही टीम 112 और थाना बुटाना प्रभारी सहित मौके पर पहुंच गए। क्रेन की मदद से कार को बाहर निकालकर शवों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
सावंत निवासी कृष्ण ने बताया कि उसकी चाची सुनहरी देवी पत्नी मामन राम और बिमला देवी पत्नी पाला राम तथा चचेरा भाई प्रवीन पुत्र मामन राम गांव सन्धीर में एक रिश्तेदार को मिलने जा रहे थे। प्रवीन कार चला रहा था तथा दोनों चाची कार की पिछली सीट पर बैठी थीं। इस दौरान पॉलीटेक्निक के पास प्रवीन ने रिश्तेदार के पास लेकर जाने के लिए फ्रूट खरीदने कार रोककर नीचे उतर गया। तभी समीप खड़ा बड़ा पेड़ कार पर गिर गया। इससे पहले कि कुछ समझ आता, पेड़ के गिरने से कार के परखचे उड़ गए। हस इादसे में सुनहरी देवी और बिमला देवी की मौके पर ही मौत हो गई। और प्रवीन बाल-बाल बच गया।
थाना बुटाना प्रभारी विपिन कुमार ने बताया कि हादसे में दो महिलाओं की मौत होने की सूचना मिली थी। शवों को सरकारी अस्पताल रखवाया गया, जहां परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम के लिए मना करने से शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।