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लेजर से वेरीकोज वेन्स का इलाज हुआ आसान, 24 घंटे में मरीज होंगे डिस्चार्ज

08:37 AM Jun 02, 2025 IST
लेजर से वेरीकोज वेन्स का इलाज हुआ आसान  24 घंटे में मरीज होंगे डिस्चार्ज
फरीदाबाद में वैरिकोज वेन्स जांच शिविर में जांच करते डॉ. सचिन मित्तल। - हप्र
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फरीदाबाद, 1 जून (हप्र)
लोगों को वैरिकोज वेन्स के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में नि:शुल्क वैरिकोज वेन्स जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 70 लोगों ने जांच शिविर का लाभ उठाया। इस अवसर पर हॉस्पिटल्स में रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरिएट्रिक एवं जनरल सर्जरी विभाग के एसोसिएट क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी यूनिट 2 डॉ. सचिन मित्तल और रोबोटिक, मिनिमली इनवेसिव, बैरिएट्रिक एवं जनरल सर्जरी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. बीरबल कुमार ने लोगों के पैरों में त्वचा की सतह के नीचे उभरी नीली नसों, पैरों में दर्द एवं सूजन की अच्छे से जांच की और बिना शुल्क के परामर्श दिया। लोगों को बताया गया कि वैरिकोज वेन्स को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि लेजर तकनीक द्वारा वैरिकोज वेन्स का प्रभावी तरीके से इलाज संभव है और मरीज को 24 घंटे के बाद ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
डॉ. सचिन मित्तल ने कहा कि कैंप में आये अधिकतर लोगों में पैरों में भारीपन या दर्द महसूस होना, टखनों और पैरों में हल्की सूजन या दर्द, नीली फूली हुई नसें दिखना, वैरिकोज नस के आसपास की त्वचा का रंग बदलना, पैरों में ऐंठन आदि समस्याएं देखने को मिली। शिविर में इन लक्षणों के साथ आने वाले लोगों में 60 प्रतिशत महिलाएं थीं और 40 प्रतिशत पुरुष थे। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हार्मोन स्तर में बदलाव के चलते वैरिकोज वेंस का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है। डॉ. सचिन मित्तल एवं डाॅ. बीरबल ने कहा कि वैरिकोज वेन्स यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैरों की नसों में खून इकट्ठा होने लगता है जिससे पैरों में सूजन आ जाती है इस कारण व्यक्ति को चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा मोटापा से ग्रसित लोगों में भी इसका रिस्क ज्यादा होता है। बढती उम्र, स्मोकिंग, लंबे समय तक खड़ा रहने, हाई हील्स का अधिक इस्तेमाल और जन्मजात भी इसके कारण हैं। अगर दवा और जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव के बावजूद वैरिकोज वेंस की समस्या बनी हुई है तो फिर मरीज को सर्जरी कराने के सलाह दी जाती है।

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