Travelling Tips : परिवार संग प्लान कर रहे ट्रिप? भारत-पाक टेंशन के बीच इन बातों का जरूर रखें ध्यान
चंडीगढ़, 14 मई (ट्रिन्यू)
Travelling Tips : भारत-पाकिस्तान में चल रहे तनावपूर्ण हालातों के बीच अगर आप बच्चों को लेकर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। इस समय सुरक्षा और सावधानी आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि आप अपने परिवार के साथ सुरक्षित और शांतिपूर्ण यात्रा का आनंद उठा सकें।
गंतव्य स्थान की सुरक्षा की जानकारी लें
यात्रा पर निकलने से पहले सुनिश्चित करें कि जिस स्थान पर आप जा रहे हैं, वह पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं। स्थानीय प्रशासन, न्यूज चैनल्स और सरकारी वेबसाइट्स से ताजा जानकारी लेते रहे। तनावग्रस्त सीमावर्ती इलाकों या संवेदनशील क्षेत्रों से दूरी बनाए।
सरकारी निर्देशों का पालन करें
यात्रा से पहले और उस दौरान सरकार या प्रशासन द्वारा जारी किए गए सभी सुरक्षा अलर्ट, एडवाइजरी या निर्देशों का पालन करें। अगर कहीं कर्फ्यू या प्रतिबंध लागू है तो उस क्षेत्र में यात्रा न करें।
बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें
बच्चों को हमेशा अपने पास रखें और उन्हें किसी भी भीड़भाड़ वाले या अनजान स्थान पर अकेला न छोड़ें। उनकी जेब में एक आईडी कार्ड रखें, जिसमें माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर और होटल का पता लिखा हो।
यात्रा के दस्तावेज और जरूरी सामान तैयार रखें
पासपोर्ट, आधार कार्ड, यात्रा टिकट, होटल बुकिंग और मेडिकल कागजात जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हमेशा एक सुरक्षित फोल्डर में रखें। इसके अलावा कुछ नकद राशि, जरूरी दवाइयां और बच्चों का विशेष सामान जैसे दूध, डायपर आदि भी साथ रखें।
आपातकालीन संपर्क सूची बनाएं
एक पेपर पर जरूरी हेल्पलाइन नंबर, स्थानीय पुलिस स्टेशन का नंबर, अस्पताल और एम्बुलेंस का संपर्क नंबर जरूर लिख लें। मोबाइल में भी ICE (In Case of Emergency) कॉन्टैक्ट सेव करें।
भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें
तनाव के माहौल में भीड़भाड़ वाले स्थान टारगेट बन सकते हैं इसलिए ऐसी जगहों पर जाने से बचें। बच्चों के साथ शांत, सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण वाले स्थानों को प्राथमिकता दें जैसे कि किसी रिसॉर्ट, फार्महाउस या गेस्ट हाउस।
लोकल लोगों से संवाद करते समय सावधानी बरतें
स्थानीय लोगों से बात करते समय सतर्क रहें। किसी भी अफवाह या अपुष्ट जानकारी पर भरोसा न करें। अनजान व्यक्तियों से निजी जानकारी साझा करने से बचें।
मनोवैज्ञानिक रूप से बच्चों को तैयार करें
अगर बच्चे बड़े हैं तो उन्हें परिस्थितियों के बारे में सरल भाषा में समझाएं और बताएं कि किसी भी इमरजेंसी में उन्हें क्या करना चाहिए। डराने की बजाए उन्हें मुश्किल स्थिति के लिए तैयार करें।