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सिविल सर्विसिज की तैयारी के लिए पंजाब में खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर : भगवंत मान

07:16 AM Dec 14, 2023 IST
सिविल सर्विसिज की तैयारी के लिए पंजाब में खुलेंगे ट्रेनिंग सेंटर   भगवंत मान
रूपनगर के एक सरकारी स्कूल में बुधवार को बच्चों से बातचीत करते मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान। -हप्र
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राजीव तनेजा/हप्र
चंडीगढ़, 13 दिसंबर
पंजाब के शैक्षिक क्षेत्र में किए जा रहे क्रांतिकारी बदलाव की ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लेने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज अलग-अलग सरकारी स्कूलों का औचक दौरा किया। मुख्यमंत्री ने रूपनगर जिले के स्कूल ऑफ एमिनेंस, सुक्खो माजरा और सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल, लुठेरी के सरकारी स्कूलों का दौरा कर स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्कूलों का औचक दौरा कर डर पैदा करने नहीं आए, बल्कि कमियां दूर करने के लिए वह ख़ुद सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं, ताकि बच्चों के लिए मानक शिक्षा सुनिश्चित बनाई जा सके।
युवाओं के सपने साकार करने के लिए सरकार द्वारा तैयार किए गए विशेष प्रोग्राम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए राज्य सरकार जिलों में प्रशिक्षण केंद्र खोल रही है, जहां आईएएस, आईपीएस और अन्य पेशेवर परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाई जायेगी।
दूर-दराज के इलाकों से पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यातायात के साधनों की कमी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों को बसें मुहैया करवा रही है, ताकि कोई भी विद्यार्थी साधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिल रही शिक्षा पर संतोष ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जब आज उन्होंने विद्यार्थियों के साथ बातचीत की तो उन्हें इस बात की बहुत ख़ुशी हुई कि सभी बच्चे अपने भविष्य को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि उन्होंने जीवन में कौन सा पेशा अपनाना है। उन्होंने कहा बहुत से बच्चे प्राइवेट स्कूलों से हटकर सरकारी स्कूलों में दाखि़ला ले रहे हैं। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस बार सरकारी स्कूलों के शानदार नतीजे आयेंगे।’
स्कूल सिलेबस में उपयुक्त बदलाव का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलेबस में सकारात्मक सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे महान गुरुओं का जीवन और दर्शन एवं शहीदों के बेमिसाल बलिदान हमारे सिलेबस का विशेष हिस्सा हों, जिससे बच्चों को अपने गौरवमय इतिहास से मार्गदर्शन मिल सके।

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