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Tragedy Queen Meena Kumari : 'तुम्हें मौत मुबारक हो, अब यहां लौटकर मत आना...' नरगिस ने क्यों दी थी मीना कुमारी को मौत की बधाई

04:09 PM Jan 19, 2025 IST

चंडीगढ़ , 19 जनवरी (ट्रिन्यू)

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Tragedy Queen Meena Kumari : दिवंगत दिग्गज अदाकारा मीना कुमारी को उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए आज भी याद किया जाता है। बॉलीवुड के 33 साल के करियर में उन्होंने पाकेजा और साहब, बीबी और गुलाम जैसी कई बेहतरीन फिल्में दी। हालांकि प्रोफेशनल के साथ-साथ उनकी निजी जिंदगी भी उतनी ही चर्चा का विषय रही।

4 साल की उम्र में शुरु किया फिल्मी सफर

1 अगस्त 1933 को जन्मीं महजबीं यानि मीना कुमारी के परिवार के हालात इतने खराब थे कि उनके पास अस्पताल का खर्चा देने तक के लिए पैसे नहीं थे। वहीं, उनके पिता भी मीना के जन्म से नाखुश थे क्योंकि उन्हें बेटा चाहिए था। पहले उनके पिता मीना को अनाश आश्रम में छोड़ने वाले थे लेकिन बाद उन्होंने इरादा बदल दिया। घर का खर्चा चलाने के लिए उनके पिता ने 4 साल की उम्र में ही उन्हें फिल्मी दुनिया का हिस्सा बना दिया। एक दिन स्टूडियो में महजबीं को देखकर डायरेक्टर विजय भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म लेदरफेस में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कास्ट किया। इस फिल्म में उन्हें महज 25 रुपए फीस मिली थी।

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18 साल की उम्र में की शादीशुदा व्यक्ति के प्यार में पड़ी

साल 1952 में मीना कुमारी ने कमाल अमरोही से शादी रचाई, जो पहले से ही शादीशुदा थे। फिल्म अनारकली के दौरान मीना का एक्सीडेंट हो गया था और कमाल उनसे मिलने आया करते थे। इसी दौरान दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। दोनों ने गुपचुप शादी कर ली। शादी के बाद भी मीना अपने पिता के साथ रहती थी। जब उनके पिता को मीना की शादी का पता चला तो हंगामा हो गया और उन्होंने तलाक लेने के लिए कहा। उस समय मीना के लिए एक फिल्म का ऑफर भी आया था लेकिन उनके पिता ने साफ कह दिया कि अगर तुमने घर से बाहर कदम रखा तो दोबारा यहां मत लौटना। तब वह अपने पति कमाल के घर पहुंच गई।

शादी के बाद बदल गई जिंदगी

मगर, जिसके साथ मीना ने पूरी जिंदगी को लेकर हसीन ख्वाब देखे थे उसी ने उनकी जिंदगी नर्क बना दी। कमाल ने मीना के ऊपर पाबंदिया लगानी शुरु कर दी और कमाल मीना पर नजर रखने लगा। धीरे-धीरे उनके रिश्ते में दरार पड़ने लगी। रिपोर्ट्स की मानें तो कमाल मीना के साथ मारपीट भी करते थे। खुद मीना की अच्छी दोस्त नरगिस दत्त ने भी इस बात को स्वीकारा। दरअसल, एक फिल्म के लिए मीना और नरगिस ने रूम शेयर किया था। मीना की मौत के बाद उर्दू मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में नरगिस ने बताया कि उन्होंने मीना के साथ मारपीट की आवाजें सुनी थीं। जब अगले दिन वो मीना से मिलीं तो उनकी आंखें सूजी हुई थीं।

'तुम्हें मौत मुबारक हो' : नरगिस

मीना कुमारी को ट्रेजडी क्वीन के नाम से भी कहा जाता था क्योंकि उनका पूरा जीवन दुखों से भरा रहा। ना उनके पास प्यार था और ना ही कोई रिश्तेदार। आखिरी वक्त में उन्हें बेहद पीड़ा सहनी पड़ी, जिसे देख नरगिस भी बहुत दुखी हो गई थी। मीना कुमारी की मृत्यु 1972 में हुई। उस समय मीना कुमारी और नरगिस के बीच बहनों जैसा रिश्ता था। उनकी मौत पर नरगिस दत्त ने उन्हें एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा था, "मीना, तुम्हें मौत मुबारक हो। अब दोबारा इस दुनिया में कदम मत रखना।" नरगिस का यह पत्र एक उर्दू पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

नरगिस ने अपने कॉलम में लिखा था, "आपकी मृत्यु पर बधाई’ मैंने पहले कभी ऐसा नहीं कहा। मीना, आज आपकी बाजी (बड़ी बहन) आपको आपकी मृत्यु पर बधाई देती हैं और आपसे कहती हैं कि आप इस दुनिया में फिर कभी कदम न रखें। यह जगह आप जैसे लोगों के लिए नहीं है। शूटिंग के दौरान मेरे पति (सुनील दत्त) ने मुझे बच्चों के साथ सेट पर बुलाया। वहां मीना और मैं बहुत अच्छे दोस्त बन गए। जब मैं दत्त साहब के साथ डिनर पर गई तो मीना ने स्वेच्छा से संजय और नम्रता की देखभाल की, उनके कपड़े बदले और उनके लिए दूध बनाया।"

नरगिस ने लिखा, "एक रात फिल्म की शूटिंग के लिए मद्रास की यात्रा के दौरान, उन्होंने मीना को होटल के बगीचे में भारी सांस लेते हुए देखा था और जब उन्होंने पूछा तो मीना ने कहा कि वह ठीक है। नरगिस ने इस पर पूरी तरह से विश्वास नहीं किया और जब उन्होंने अपने कमरे से 'हिंसा की सांकेतिक आवाजें' सुनीं, तो उनका संदेह पुष्ट हो गया।

नशे की लत बनी मौत का कारण

कुछ समय बाद मीना कमाल से अलग हो गई और महमूद के घर पर रहने लगी। कमाल से अलग होने के बाद मीना को शराब की लत गई और वो नशे की दवाइयां लेने लगी।जब पीलिया के कारण मीना अस्पताल में भर्ती हुई थी तब नरगिस उनसे मिलने गईं, तो उन्होंने पूछा, “मंजू, तुम आजाद हो, लेकिन ऐसी आजादी का क्या फायदा, जब तुम खुद को मारने पर आमादा हो?" उन्होंने जवाब दिया, "बाजी, मेरे धैर्य की भी एक सीमा है।" फिर नशे के कारण नशे के कारण उन्हें लिवर सिरोसिस से जूझना पड़ा। इसके बाद उनकी तबीयत ऐसी बिगड़ी कि वो दुनिया को अलविदा कह गई।

मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार ने एक इंटरव्यू में बताय था कि जब वो मीना कुमारी से मिलने गए थे तो वह रोती हुए बहुत पछता रही थी। वह कह रही थीं कि उन्होंने बहुत गलतियां की हैं। वह खुद के साथ फिल्म इंडस्ट्री को भी कोस रही थीं और कह रही थीं, "अल्लाह उन्हें कभी माफ नहीं करेगा, जिन्होंने मेरा घर बर्बाद किया है।"

बॉलीवुड को ‘पाकीजा’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’, ‘आरती’, ‘बैजू बावरा’, ‘परिणीता’ और ‘मैं चुप रहूंगी’ जैसी हिट देने वाली मीना कुमारी बेहद खूबसूरत और जहीन अदकारा थी लेकिन काश उनकी किस्मत भी उन्हीं की तरह खूबसूरत होती।

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