किसानों के धरने के बाद डायवर्ट किया यातायात
संगरूर, 26 अक्तूबर (निस)
धान की निर्बाध खरीद और भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों शनिवार को दोपहर एक बजे चंडीगढ़-बठिंडा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बडरूखां के पास अनिश्चितकालीन पक्का धरना शुरू करने के बाद संगरूर पुलिस ने संगरूर-बरनाला रोड पर बडरूखां के पास ट्रैफिक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है।
पुलिस द्वारा पटियाला से बरनाला (संगरूर के रास्ते) आने वाले ट्रैफिक को उभावाल के पास पुल पर रोक दिया गया है, जहां से ट्रैफिक उभावाल, किला भरियां, लोंगोवाल और बड़बर के रास्ते बरनाला पहुंचेगा। बठिंडा और बरनाला की ओर से आने वाले ट्रैफिक के लिए मस्तुआना साहिब के पास बैरियर लगाकर डायवर्जन दिया गया है, जो धूरी रोड पर बंगावाली गांवों से होकर गुजरेगा।
इससे पहले, जोगिंदर सिंह उगराहां हाईवे धरने पर बैठे। इस मौके पर पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां, प्रदेश सचिव जगतार सिंह कालाझर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंजीत सिंह घराचों ने कहा कि संगठन के फैसले के मुताबिक, किसानों की मांगे माने जाने तक दोनों तरह के स्थाई मार्च दिन-रात जारी रहने चाहिए। नेताओं ने कहा कि किसानों की मुख्य मांगों में धान की पूर्ण एमएसपी और सुचारू खरीद व भुगतान शुरू करने के अलावा सरकार की अनुशंसा के अनुरूप अब तक कम कीमत पर बिकने वाले धान की कमी को पूरा करना शामिल है। किसान पीआर126 किस्म की पूसा 44 से कम उपज और एमएसपी से कम कीमत की कमी की भरपाई की मांग कर रहे हैं।
किसान बोले-सरकार का ध्यान उपचुनाव पर ज्यादा
बरनाला (निस) : धान की धीमी खरीद, लिफ्टिंग की सुस्त रफ्तार के विरोध में शनिवार को ठुल्लीवाल की अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन के ब्लॉक नेता नाजर सिंह, मेवा सिंह, जसपाल सिंह और अमरीक सिंह ने कहा कि एक अक्तूबर से प्रदेशभर में धान की खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन धान की खरीद न होने से किसान मंडियों में परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले आढ़ती हड़ताल पर रहे, फिर शेलर मालिक, फिर मजदूर हड़ताल पर चले गए। यह सब पंजाब सरकार की नाकामी है, जिसके चलते किसान परेशान हो रहे हैंद्ध उन्होंने कही कि मंडियों में किसानों की दुर्दशा के लिए केंद्र तथा पंजाब सरकार जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों पर कम, उपचुनाव पर ज्यादा है। उन्होंने कहा कि फसल में नमी के नाम पर भी किसानों को परेशान किया जा रहा है। अब गेहूं की बुआई का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन डीएपी खाद की कमी है। अगर खाद मिल भी रही है तो अनावश्य शर्तें जैसे नैनो यूरिया लेने के लिए किसानों को बाध्य किया जा रहा है। किसानों ने चेतावनी दी कि धान की खरीद जल्द से जल्द हो नहीं तो किसान धान सड़कों पर फेंकने के लिए बाध्य होंगे।