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रास्ते न खोलने के लिए व्यापारी भी करें भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन : भाकियू

06:41 AM Jul 30, 2024 IST
समराला में सोमवार को बैठक करते किसान नेता। -निस
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समराला, 29 जुलाई (निस)
भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर जिला लुधियाना के विभिन्न ब्लॉकों की बैठक सीनियर प्रदेश उपाध्यक्ष जसवीर सिंह सिद्धूपुर की अगुवाई में स्थानीय गुरुद्वारा में हुई। बैठक में संगठनात्मक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान किसान आंदोलन और उसमें कार्यकर्ताओं की अधिक भागीदारी पर चर्चा की गई।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए जसवीर सिंह सिद्धूपुर ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का आभार जताते हुए कहा कि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि संविधान में लोगों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने लोकतंत्र का हनन करते हुए सड़कों पर सीमेंट की दीवारें बनाकर, लोहे की कीलें लगाकर और बैरिकेडिंग करके रास्ते रोके हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी अदालत के आदेश मानते हुए हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग हटाकर रास्ते खोलेगी, तभी किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे। इसके लिए बॉर्डरों पर चल रहे मोर्चों में अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ शामिल होने और जो किसान फसल लगाने के लिए गांव वापस आ गए थे, उनकी मोर्चों में अधिक से अधिक भागीदारी बढ़ाने के लिए हर गांव में बड़ी तैयारी के लिए बैठकें की जा रही हैं।
किसान नेताओं ने आगे कहा कि अदालत के फैसले के बाद और भाजपा की हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार अदालत में रास्ते न खोलने के संबंध में डाली जा रही याचिकाओं से स्पष्ट हो गया है कि ये रास्ते किसानों ने नहीं बल्कि भाजपा सरकार ने रोके हैं। अब भी अगर हरियाणा सरकार ये रास्ते नहीं खोलती है तो व्यापारी वर्ग को भी भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त को पूरे भारत में जिला मुख्यालयों के सामने भाजपा सरकार के पुतले फूंके जाएंगे और 15 अगस्त को भाजपा सरकार द्वारा लोगों की आजादी छीनने के लिए लाए गए तीन कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी तथा देश भर में ट्रैक्टर मार्च किया जाएगा।
इस मौके पर उनके साथ सुपिंदर सिंह बग्गा, जिला अध्यक्ष लुधियाना, गुरदीप सिंह बरमा, स्वर्णजीत सिंह घुलाल, मलकीत सिंह घुलाल, कुलदीप सिंह सेखों, हरदीप सिंह राणवा, मलकीत सिंह पूनिया, अवतार सिंह राणवा, राजवंत सिंह, नाहर सिंह, अमृत सिंह, टहल सिंह बिजलीपुल, गुरप्रीत सिंह ककराला, परोपकार सिंह, जसविंदर सिंह आदि किसान नेता मौजूद थे।

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