गुरुग्राम चिंटल सोसायटी का टावर-ए भी असुरक्षित, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
गुरुग्राम, 15 अक्तूबर (हप्र)
चिंटल सोसायटी का टावर-ए भी लोगों के रहने योग्य नहीं है। टावर की आई संरचनात्मक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। बिल्डर जल्द सोसायटी की आरडब्ल्यूए और जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपेगा। उसके बाद आगामी फैसला लिया जाएगा। बिल्डर ने सीएसआईआर-सीबीआरआई को ए, बी और सी टावर में संरचनात्मक ऑडिट का काम सौंपा था। टावर-ए की भी रिपोर्ट आ गई और टावर को असुरक्षति बताते हुए रहने के लायक नहीं बताया गया है।
अगस्त में आई रिपोर्ट में टावर-सी को अनसेफ बताया गया था। अभी टावर-बी की रिपोर्ट नहीं आई है। सोसायटी के 9 टावरों में से अभी सरकार ने 6 टावरों को ही असुरक्षित घोषित किया है। बिल्डर एक-दो दिन में इसकी रिपोर्ट उपायुक्त को देगा। चिंटल सोसायटी के टावर-डी में 10 फरवरी 2022 में हुए हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी। उसके बाद आईआईटी दिल्ली की टीम को टावरों के संरचनात्मक ऑडिट की जिम्मेदारी दी गई थी। जांच में डी, ई, एफ, जी और एच को असुरक्षित घोषित कर दिया गया था और उन्हें अब तोड़ने की कार्रवाई चल रही है।
बिल्डर ने मार्च में ए, बी, सी टावर का मेसर्स सीएसआईआर-सीबीआरआई संरचनात्क ऑडिट कराया था। बीती 16 अगस्त को कंपनी ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि टावर-सी संरचनात्मक ऑडिट रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। अब दो दिन पहले जांच एजेंसी ने ए टावर की रिपोर्ट बिल्डर को सौंप दी है। इसमें ए टावर को भी रहने योग्य नहीं पाया गया है। बिल्डर इसकी रिपोर्ट उपायुक्त को देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चिंटल सोसायटी के असुरक्षित पांच टावरों को तोड़ने का काम चल रहा है। दूसरी ओर जे-टावर में रह रहे परिवारों ने अभी फ्लैट खाली नहीं किया है। अब इसे भी तोड़ने का काम चलेगा।
आरडब्ल्यूए के अनुसार अभी सी और ए टावर को लेकर प्रशासन से कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे में अभी यह रिपोर्ट बिल्डर तक ही सीमित है। उनका कहना है कि ए, बी व सी टावर का थर्ड पार्टी मूल्यांकन होना चाहिए। उनका कहना है कि नौ टावरों में से छह को भी अनसेफ बताया गया है।
आरडब्ल्यूए प्रधान राकेश हुड्डा ने बताया कि टावर-ए की रिपोर्ट जांच एजेंसी ने बिल्डर को दे दी है। अभी बिल्डर ने आरडब्ल्यूए को अवगत नहीं करवाया है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।