धूप खिलते ही सूरजकुंड मेले में उमड़ पड़े सैलानी
राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 8 फरवरी
सूरजकुंड में 37वां अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला अब पूरी रंगत में नजर आने लगा है। बारिश व ठंड के चलते पहले कुछ दिन पर्यटकों की संख्या कम रही लेकिन जैसे ही धूप खिली तो पर्यटक मेले की ओर बढ़ने शुरू हो गए। अब तक सवा तीन लाख से ज्यादा पर्यटक मेले में पहुंच चुके हैं।
मेला क्षेत्र में एक ओर जहां शिल्पकार अपने उत्पादों की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित लोक कलाकार भी देशी व विदेशी पर्यटकों को अपने वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनों पर थिरकने को मजबूर कर रहे हैं।
मुख्य चौपाल व छोटी चौपाल पर दिनभर देशी व विदेशी कलाकार अपनी-अपनी संस्कृति की लगातार झलक बिखेर रहे हैं। लोक कलाकारों में पलवल की बंचारी पार्टी हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में शिल्पमेला के अति विशिष्ट द्वार के समीप पर्यटकों का ढोल नगाड़ों की थाप पर दिनभर मनोरंजन कर रही है। यह पार्टी मेला में पहुंचने पर सुरीली धुनों से पर्यटकों का स्वागत कर रही है तथा पर्यटकों को नाचने पर भी विवश कर रही है। पार्टी में हरेंद्र सिंह, लेखराम, कर्म सिंह, पुरुषोत्तम, मोनू, लोकेश, बलबीर, अजीत, गुलशन व वीरेंद्र शामिल हैं।
छोटी चौपाल पर देशी-विदेशी कलाकारों ने दिनभर किया मनोरंजन
देशी-विदेशी पर्यटकों का मुख्य चौपाल के अलावा छोटी चौपाल पर देशी व विदेशी कलाकार दिनभर अपनी शानदार प्रस्तुतियों से खूब मनोरंजन कर रहे हैं। डा. संगीता शर्मा की टीम ने भगवान शिव द्वारा तारकासुर के तीन पुत्रों त्रिपुरासुर के वध की घटना का सजीव चित्रण प्रस्तुत करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। किर्गिस्तान के अलावा देशी व विदेशी सांस्कृतिक टीमों के कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। मेले के आज सातवें दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुरूआत पंजाब के कलाकार रवि एंड पार्टी द्वारा प्रस्तुत शानदार भंगड़े से हुई। किर्गिस्तान की कलाकार ने शानदार गिटार वादन से दर्शकों का मन मोह लिया। जांबिया के कलाकारों ने शानदार लोक गीत प्रस्तुत किए। राजस्थान के विनय गजरावत की टीम ने चकरी नृत्य के माध्यम से मियां-बीबी की तकरार को बयां किया।
लावणी और फुल्ला नृत्य की शानदार पेशकश
महाराष्ट्र के कलाकारों ने लावणी नृत्य कर चौपाल पर बैठे पर्यटकों का मन मोह लिया। मेले की मुख्य चौपाल पर कलाकारों ने दर्शकों को सलामी देने में भी लावणी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। जांबिया देश के कलाकारों ने फुल्ला नृत्य की जोरदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया। बड़ी चौपाल पर पंजाबी कलाकारों ने कर कॉल सोणिये, सीटी न मार मुंडेया, बाप थानेदार लग्गया जैसे पंजाबी गीतों पर भंगड़ा कर दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।