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जवाबदेही तय कर कठोर निर्णय लेने होंगे : खड़गे

05:00 AM Nov 30, 2024 IST
जवाबदेही तय कर कठोर निर्णय लेने होंगे   खड़गे
नयी दिल्ली में शुक्रवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी एवं अन्य वरिष्ठ नेता। - मुकेश अग्रवाल
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नयी दिल्ली, 29 नवंबर (एजेंसी)
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार को पार्टी के लिए बड़ा झटका करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि अब जवाबदेही तय करने के साथ ही कठोर निर्णय लेने होंगे। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी कहा कि पार्टी नेताओं को अनुशासन का सख्ती से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को पुराने ढर्रे की राजनीति से हर बार सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है और ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाना निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है।
खड़गे ने कहा, ‘हमें तुरंत (हरियाणा-महाराष्ट्र के) चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है। ये नतीजे हमारे लिए संदेश हैं।’ उन्होंने कई प्रदेशों में पार्टी के भीतर गुटबाजी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘सबसे अहम बात जो मैं बार-बार कहता हूं कि एकता की कमी और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है।’ उन्होंने कहा, ‘जब तक हम एक होकर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक-दूसरे के ख़िलाफ बयानबाजी बंद नहीं करेंगे तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे? इसलिए जरूरी है कि हम सख्ती से अनुशासन का पालन करें। हर हालत में एकजुट रहना है।’ उन्होंने कहा कि हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फ़ायदा नहीं उठा पाते?’ हमें संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा, यह सबसे बड़ी जरूरत है। हमारी तैयारी आरंभ से मतगणना तक होनी चाहिए। कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश व अन्य नेता शामिल हुए।
राष्ट्रीय नेताओं के सहारे राज्यों का चुनाव कब तक लड़ेंगे?
खड़गे ने पूछा कि राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं के सहारे राज्यों का चुनाव आप कब तक लड़ेंगे? उन्होंने कहा कि हाल के चुनावी नतीजों का संकेत यह भी है कि हमें राज्यों में अपनी चुनाव की तैयारी कम से कम एक साल पहले शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए हर समय सफलता नहीं पा सकते। जवाबदेही तय करनी होगी।’ उन्होंने कहा कि कई बार हम ख़ुद अपने सबसे बड़े शत्रु बन जाते हैं। इसे बदलना होगा।

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