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हिमाचल में मूसलाधार बारिश जारी, कुल्लू मनाली में चार दिन बाद भी ब्लैक आउट

01:10 PM Jul 11, 2023 IST

ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 11 जुलाई
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मानसून की मूसलाधार वर्षा का क्रम आज लगातार चौथे दिन भी रूक-रूक जारी है। हालांकि मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पीति में वर्षा का दौर थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है। बारिश रूकने से राहत कार्य तेज हुए हैं। प्रदेश में हुई भारी वर्षा से सार्वजनिक व निजी संपत्ति सहित जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य की सभी प्रमुख नदियों सहित अन्य नदी-नाले उफान पर हैं और प्रदेशभर में तीन नेशनल हाईवे समेत सहित 1235 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं।
72 लोगों की जा चुकी है जान
हिमाचल प्रदेश में अब तक मौनसून से जुड़ी घटनाओं में 72 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 30 लोगों की मौत राज्य में चार दिन से जारी वर्षा व भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में हुई है। मानसून से जुड़ी घटनाओं में सबसे अधिक 22 मौतें शिमला जिले में, कुल्लू में 16, मंडी में 10, सोलन में 6, हमीरपुर में 5, बिलासपुर और सिरमौर में 3-3, मंडी, ऊना और किन्नौर में 2-2 तथा कांगड़ा में एक मौत हुई है। राज्य में 2577 से अधिक विद्युत ट्रांसफार्मर और 1418 से अधिक पेयजल योजनाएं भी बाढ़ और भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त हुई हैं।
कुल्लू में बिजली, संचार व्यवस्था ठप
कुल्लू जिला में विद्युत और संचार व्यवस्था चार दिनों से पूरी तरह ठप है और मोबाइल टावर काम नहीं कर रहे हैं। इस कारण कुल्लू घाटी में फंसे हज़ारों पर्यटक अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। कुल्लू घाटी के लिए सभी सड़क संपर्क टूट जाने के चलते घाटी में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है और लोगों को दूध-ब्रेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है।
400-500 पर्यटक फंसे
कुल्लू जिले की ही मणिकर्ण घाटी में मणिकर्ण गुरूद्वारे का पैदल पुल पार्वती नदी की बाढ़ में बह गया है। इसके अलावा मणिकर्ण से बरशैणी मार्ग का कुछ हिस्सा भी पुल के साथ बह गया है। जानकारी के अनुसार 400 से 500 पर्यटक बरशैणी के पुलगा, तुलगा, तोष और बरशैनी पर्यटक स्थलों में फंसे हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। स्थानीय लोगों द्वारा इन पर्यटकों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
क हजार बसों के रूट प्रभावित
प्रदेश में सैकड़ों सड़कें बंद होने से राज्य पथ परिवहन निगम के एक हज़ार से अधिक रूट प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा परिवहन निगम की 400 से अधिक बसें अलग-अलग स्थानों पर फंसी हुई हैं। भारी वर्षा व बाढ़ के कारण कुल्लू, मंडी और सोलन जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में पिछले तीन-चार दिनों के दौरान कई दर्जनों घर और होटल बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं।
4 हजार करोड़ का हुआ नुकसान : सीएम
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि आरम्भिक अनुमानों के अनुसार भारी वर्षा से राज्य में करीब 4 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वे आज कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। सुक्खू आज कुल्लू से मनाली और भुंतर से मणिकर्ण तक हुए नुकसान का भी जायजा लेे रहे हैं। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर व जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ हैं।
बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी
इस बीच मौसम विभाग ने आज राज्य के स्थानों पर भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने शिमला, किन्नौर और सिरमौर ज़िलों में आज और कल कुछ स्थानों पर अचानक फ़्लैश फ्लड का रेड अलर्ट भी जारी किया है। मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए सरकार ने लोगों से एहतियात बरतने, नदी-नालों के किनारे न जाने और घरों पर ही सुरक्षित रहने की अपील की है।
नाहन में एक रात में 250 मिलीमीटर बरसे बादल
सिरमौर ज़िला मुख्यालय नाहन में बीती रात मूसलाधार वर्षा हुई और एक ही रात में 250 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान सिरमौर के धौला कुआं में 139, जुब्बड़हट्टी में 90, कुफरी में 68, नारकंडा में 66, शिमला में 64, कल्पा में 49 और मंडी में 46 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई।
चंद्रताल में रेस्क्यू शुरू
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिला के चंद्रताल में करीब 300 पर्यटक फंसे हुए हैं। इन्हें रेस्क्यू करने के लिए प्रशासन ने आज सुबह 5 बजे से आपरेशन शुरू कर दिया है। बचाव दल की पहली टीम लोसर से चंद्रताल के लिए रवाना हुई है जबकि दूसरी टीम काजा से अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन के नेतृत्व में रवाना हुई है। प्रशासनिक सदस्यों के अलावा घाटी के विभिन्न गांवों के युवा भी बचाव दल में शामिल हैं। जानकारी के अनुसार चंद्रताल में स्थानीय लोगों के अलावा अधिकतर पर्यटक फंसे हुए हैं। उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि फंसे लोगों में 225 पुरुष, 75 महिलाएं, 1 बच्चा, 3 बुजुर्ग और 3 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं और ये सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं। विदेशियों में दो महिलाएं आयरलैंड और एक महिला अमेरिका से है। अधिकांश पर्यटक महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और दूसरे राज्यों से हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कल लाहौल उपमंडल के तेलिंग नाला और पागल नाला के बीच फंसे 140 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। सौ लोगों को बचाव दल द्वारा सिस्सू लाया गया, जहाँ उन्हें होम स्टे ओर होटलों में ठहराया गया है। चंद्र ताल क्षेत्र में 1500 से अधिक भेड़-बकरियां और गड़रिये भी फंसे हुए हैं।

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