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टमाटर की लाली और लाल डायरी

06:40 AM Aug 19, 2023 IST
टमाटर की लाली और लाल डायरी
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सहीराम

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देखो जी, अब वो जमाना तो रहा नहीं कि लाली मेरे लाल की, जित देखूं तित लाल और लाली देखन मैं गयी, मैं भी हो गयी लाल। टमाटर की लाली तो कहीं न दिखती। अब बच्चों को यह सीख देना खतरे से खाली नहीं कि खाओ टमाटर लाल-लाल-चेहरा हो जाए लाल गुलाल। बच्चों को टमाटर खिलाने के चक्कर में दिवालिया होने की नौबत आ सकती है। ऐसे में नेताओं की इस सीख को मान लेना ही ज्यादा बेहतर रहेगा कि टमाटर खाने से बचो- इसे खाने से पथरी हो जाती है। और जनाब, नेताओं की यह तसल्ली तो किसी भी काम नहीं आने वाली कि अगर पहले की सरकार होती तो टमाटर छह सौ रुपये किलो मिल रहे होते। अलबत्ता भक्तों का यह तर्क अभी भी प्रासंगिक हो सकता है, जो वे पेट्रोल की महंगाई के मामले में दिया करते हैं कि पेट्रोल पांच सौ रुपये प्रति लीटर भी हो जाएगा तो भी हमें कोई शिकायत नहीं है, बस सरकार चूड़ी कसती रहे और विदेश में डंका बजाती रहे।
खैर, लाल टमाटर नसीब में नहीं है तो कोई बात नहीं जी, एक लाल डायरी मिल गयी है, अब लाली के लिए वही काफी है। भाजपा ने तो मान भी लिया है कि हमारे लिए तो वही काफी है। ऐसे में लाल डायरी सामने लाने वाले को अवश्य ही किसी न किसी पुरस्कार से नवाजा जाना चाहिए।
लाल डायरी के बारे में यह माना जा रहा था कि गहलोत सरकार इसे देखकर वैसे ही भड़केगी, जैसे लाल कपड़ा देखकर सांड भड़कता है। पर वह तो हंसने लगी। यूं देश में लाली की कोई कमी नहीं है। बहाने के लिए इंसान के लाल रक्त की क्या कमी है। कभी युद्धों में बहता था, अब दंगों में बहता है। रक्त से धरती के लालम लाल हो जाने के बावजूद शर्म की लाली कहीं नहीं है।
अलबत्ता दंगों की आग की लाली की कोई कमी नहीं है। संसद में विपक्ष जरूर लाल रहा। उसकी आंखें भी लाल रही। कभी प्रधानमंत्रीजी कहा करते थे कि चीन को, पाकिस्तान को लाल आंख दिखाओ। अब विपक्ष उन्हें ही लाल आंख दिखा रहा है। लेकिन वे भी कहां कम हैं, वे संसद के बाहर विपक्ष को लाल आंख दिखा रहे हैं। अलबत्ता जब तक ईडी-वीडी हैं, उन्हें विपक्ष को लाल आंख दिखाने की कोई खास जरूरत नहीं है। फिर भी देखो टमाटर की लाली के इतने विकल्प मौजूद हैं। टमाटर की लाली का विकल्प तो मिर्च की लाली भी हो सकती थी, लेकिन मिर्च अब खाने के लिए कम, विरोधियों को लगाने के लिए ज्यादा इस्तेमाल होती है। यंू इधर सब्जियां सारी लाल हुई पड़ी हैं, लेकिन वे अंगारे की तरह ही लाल हैं। उन्हें छुआ नहीं जा सकता है।

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