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राज्यपाल को बताया विधानसभा का गणित, फैसला राजभवन पर छोड़ा

07:57 AM Jun 21, 2024 IST
राज्यपाल को बताया विधानसभा का गणित  फैसला राजभवन पर छोड़ा
चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को राज्यपाल को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपता कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल।
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चंडीगढ़, 20 जून (ट्रिन्यू)
राज्य की नायब सरकार को अल्पमत में बताते हुए अभी तक राज्यपाल को चिट्ठी भेजती रही कांग्रेस ने अब राज्यपाल से मुलाकात करके विधानसभा का पूरा गणित बताया। विधानसभा की दलीय स्थिति के आधार पर सरकार को अल्पमत में बताते हुए पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा को भंग करके चुनाव करवाने की मांग की। हालांकि, कांग्रेस ने नायब सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं की।
हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात करके उन्हें ज्ञापन सौंपा। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र कुमार भारद्वाज, उपनेता विपक्ष आफताब अहमद, रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा, झज्जर विधायक गीता भुक्कल, रादौर विधायक बिशन लाल सैनी, मीडिया एंड कम्युनिकेशन इंचार्ज चांदवीर हुड्डा प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।
ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी हाल ही में हुए करनाल उपचुनाव से विधायक चुने हैं। फिर भी भाजपा सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ। भाजपा विधायकों की संख्या 41 है। सरकार को हलोपा के एक विधायक और एक निर्दलीय का समर्थन हासिल है। सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 43 है। वर्तमान समय में सदन के विधायकों की संख्या 87 है और बहुमत का आंकड़ा 44 है। ज्ञापन में कहा गया है कि अगर सरकार खरीद-फरोख्त व अन्य असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल न करे तो उसके पास सदन में बहुमत नहीं है। इसलिए संविधान के रक्षक के तौर पर महामहिम राज्यपाल को अल्पमत की सरकार को तुरंत बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए। उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए संविधान की गरिमा व पवित्रता को बरकरार रखना चाहिए। राज्य के लोगों को बहुमत की सरकार चुनने का अवसर प्रदान करने के लिए विधानसभा चुनाव नियमानुसार करवाने के आदेश पारित करने चाहिए। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में हुड्डा व उदयभान ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल द्वारा 10 मई को भी राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर सरकार को खुद ही त्यागपत्र दे देना चाहिए। राज्यपाल को हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए तुरंत विधानसभा भंग करनी चाहिए। राज्यपाल ने ज्ञापन पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

कांग्रेस नहीं लड़ेगी राज्यसभा चुनाव

राज्यसभा उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि हमारे पास संख्या बल नहीं है। जजपा, इनेलो व निर्दलीय मिलकर अगर 16 विधायक इकट्ठे कर लेते हैं तो हम उनके प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं। एक तरह से हुड्डा ने साफ कर दिया कि कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी। साथ ही, उन्होंने जजपा-इनेलो व निर्दलीय विधायकों के पाले में गेंद सरका दी है।

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42 पूर्व सांसद-विधायक हुए शामिल

मीडिया ने जब वरिष्ठ नेत्री किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर पार्टी को नुकसान होने से जुड़ा सवाल किया तो हुड्डा ने कहा कि पिछले कुछ समय में 42 पूर्व सांसद और विधायक कांग्रेस में शामिल हुए हैं। हुड्डा खुलकर कुछ नहीं बोले लेकिन इशारों-इशारों में कह गए कि किरण के जाने से कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने खुलकर कहा कि खुद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा खुलासा कर दिया है। मनोहर लाल ने खुद कहा कि लंबे समय से किरण चौधरी का मन भाजपा में ही था, उनका सिर्फ शरीर कांग्रेस में था। राज्यसभा चुनाव में भी किरण चौधरी की भूमिका को लेकर कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन ने उसी वक्त बता दिया था। वहीं, कुमारी सैलजा द्वारा लोकसभा के टिकट आवंटन पर सवाल उठाने से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता को नेतृत्व के सामने अपनी बात रखनी चाहिए। मुझे भी कोई बात कहनी है तो हाईकमान को ही कहूंगा। किसी को भी नेतृत्व के फैसले पर सवाल नहीं उठाने चाहिएं।

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