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अकाली दल को बचाने के लिए सुखबीर बादल को अध्यक्ष पद से हटाना जरूरी : ढींडसा

08:19 AM Aug 21, 2024 IST
संगरूर के लौंगोवाल में मंगलवार को अकाली दल सुधार आंदोलन की कांफ्रेंस में मंच पर सुखदेव सिंह ढींडसा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और अन्य नेता। -निस

गुरतेज सिंह प्यासा/निस
संगरूर, 20 अगस्त
शिरोमणि अकाली सुधार आंदोलन की ओर से शहीद भाई दयाला सिंह स्कूल गांव लौंगोवाल में संत हरचंद सिंह लौंगोवाल को उनकी पुण्यतिथि पर मंगलवार को भावभीनी श्रद्धांजलि भेंट की गई। इस मौके पर सुखदेव सिंह ढींडसा ने संत हरचंद सिंह लौंगोवाल को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए कहा कि संगरूर, बरनाला और मालेरकोटला जिलों से हजारों की संख्या में आए पंथ समर्थकों और पंजाब समर्थकों ने यह साबित कर दिया कि पंथक और पंजाबी समर्थक शोरमणि अकाली दल सुधार आंदोलन में शामिल हो गए हैं और लोग एक स्वर में कह रहे हैं कि वे अकाली दल को बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सुखबीर सिंह बादल को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से हटाना जरूरी है। उन्होंने पंजाब के हितों की रक्षा के लिए शिरोमणि अकाली सुधार आंदोलन को मजबूत करने का भी वादा किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि अकाली दल रेत, शराब और केबल माफिया का नहीं, बल्कि पंथ और पंजाब समर्थकों का है। मुंह में चांदी के चम्मच लेकर पैदा हुए नेता आज पंथक नेताओं की कुर्बानियों पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि अकाली दल योद्धाओं, मार्च करने वालों, जेल जाने वाले और संघर्ष करने वालों की पार्टी है, व्यापारियों की नहीं। उन्होंने कहा कि आज की घटना ने असली और नकली अकाली दल को बांट दिया है।
प्रो. चंदूमाजरा ने पंजाब सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कमजोर पंजाब सरकार के कारण ही आज केंद्र सरकार एक के बाद एक पंजाब विरोधी फैसले ले रही है और समानांतर सरकार चलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में गंभीर संकट पैदा हो गया है। चुनी हुई सरकार कमजोर हो गई है, कांग्रेस पंजाब की सभी समस्याओं की जननी है, कमजोर नेतृत्व के कारण अकाली दल आज अपना प्रभाव खो चुका है। इसलिए अब अकाली दल को पंजाब को बचाने के लिए सुधार आंदोलन के बैनर तले इकट्ठा होना चाहिए। शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन के संयोजक गुरप्रताप सिंह बडाला ने सुखबीर बादल पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति अकाली दल की परिभाषा नहीं जानता, वह अकाली दल का अध्यक्ष कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने सिख की परिभाषा बदल दी। सुखबीर सिंह बादल अकाली दल के अध्यक्ष कैसे बन सकते हैं, यदि उन्हें गुरुओं द्वारा हमें दिए गए सिख स्वरूप के बारे में भी पता नहीं है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल द्वारा बाबा बकाला की पवित्र धरती पर दिए इस बयान पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को भी संज्ञान लेना चाहिए, जबकि सिख संगत इस पर संज्ञान ले रही है।

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