For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

सामाजिक लक्ष्य साधने की अथक यात्रा

07:24 AM Jul 28, 2024 IST
सामाजिक लक्ष्य साधने की अथक यात्रा
Advertisement

दिनेश कुमार
पुस्तक ‘कर्मपथ के पथिक’ लेखक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी की कर्मण्यता का दस्तावेज है। वे राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व के विषयों को स्थानीय स्तर पर प्रयास कर परिणति तक पहुंचाते रहे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा से पूर्व लेखक द्वारा इसके लिए चलाई मुहिम का ब्योरा पुस्तक के प्रथम अध्याय में है। लेखक ने इसके लिए 2017 में जींद से प्रयास शुरू कर दिए थे। दरअसल गुरु गोबिंद सिंह के दो छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह और बाबा जोरावर सिंह की जीवनियां पढ़ने के बाद उनके मन में टीस उठी कि इन बलिदानियों को समाज में यथायोग्य स्थान नहीं मिल पाया।
कैथल जिले के गांव फतेहपुर में 1857 में शहीद हुए गिरधर लाल अहलुवालिया की कहानी देशभक्त पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। लेखक ने न केवल इस शहादत को जीवंत किया, बल्कि गिरधर लाल अहलुवालिया की याद में गांव में स्मारक स्थापित करने के लिए उन्होंने जो प्रयास किए, उसका विस्तृत वर्णन इस अध्याय का प्रमुख कथानक है। लेखक देश-समाज की समस्याओं से भी सरोकार रखते हैं। कोरोना काल में उन्होंने मास्क और सेनेटाइजर वितरण मुहिम शुरू की।
महर्षि दयानन्द जयंती पर अवकाश के लिए गए प्रयासों को भी पुस्तक का एक अध्याय समर्पित है। हरियाणा को शराब मुक्त करने के लिए शुरू की गई मुहिम सराहनीय है। डॉ. धर्मदेव 1978 से ही इन गतिविधियों से जुड़ गए थे। छात्र जीवन से वे युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जनजागरण अभियान चलाते रहे। नारी सशक्तीकरण के लिए किए प्रयासों की सराहनीय गाथा मातृशक्ति का उत्साहवर्धन करेगी।
अंतिम अध्याय में लेखक की कैरियर यात्रा का वर्णन है। सामाजिक जीवन की शुरुआत गांव के आर्य समाज मंदिर से जबकि कैरियर गुरुकुल कुरुक्षेत्र में गैर शैक्षणिक कार्य से शुरू हुआ। उन्होंने स्कूल, कॉलेज, गुरुकुल में अध्यापन किया, जबकि दो विश्वविद्यालयों की संचालन समिति में बतौर सदस्य सेवा दी। डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने दोनों जिम्मेदारियों से संतुलन बनाए रखा। लेखक की सामाजिक गतिविधियों में स्थानीय नेताओं की ही भूमिका प्रमुख रही।
पुस्तक में वर्तनी संबंधी अशुद्धियां हैं। पुस्तक सामाजिक जीवन में सक्रिय लोगों के लिए प्रेरक मार्गदर्शिका साबित होगी।

पुस्तक : कर्मपथ के पथिक प्रकाशक : धर्म संस्थानम, जींद, हरियाणा लेखक : डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी पृष्ठ : 209 मूल्य : रु. 400.

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×