सफल उद्यमिता के गुर
नरेंद्र कुमार
टीवी शो ‘शार्क टैंक’ से ज्यादा चर्चा में आई महिला उद्यमी नमिता थापर ने अपने अनुभवों को कलमबद्ध किया है। पुस्तक ‘द डॉल्फिन एंड द शार्क’ में नमिता ने एक महिला के उद्यमी बनने की राह की चुनौतियों को विस्तार से बताया है। पुस्तक के कुछ वृत्तांत तो बेहद प्रेरक हैं। पुस्तक में डॉल्फिन और शार्क की स्वाभाविक वृत्ति को दर्शाते हुए इसे बेहतरीन तरीके से उद्यमिता और सफलता के साथ जोड़कर दर्शाया गया है। असल में उद्यमिता की राह में विनम्रता और आक्रामकता दोनों की जरूरत होती है, इन्हीं बातों को पुस्तक में विस्तार से बताने की कोशिश की गयी है।
पुस्तक में भारतीय उद्यमियों की यात्राएं और एमक्योर में लेखिका के पेशेवर जीवन से जुड़े किस्सों का जिक्र है। अनुभव से प्राप्त ये किस्से नवउद्यमियों के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं। पुस्तक के 15 अध्यायों में लेखिका ने उद्योग से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने उद्योग के लिए निवेश, उसकी तैयारी, टीम निर्माण और ब्रांड्स के महत्व के बारे में विस्तार से वर्णन किया है। मेंटर्स की भूमिका, नेटवर्क शक्ति की महता बताते हुए उन्होंने नेतृत्व के मंत्रों के बारे में भी बताया है। इसमें लेस इज मोर और अपने से ज्यादा स्मार्ट टीम हायर करना जैसे मंत्र हैं।
लेखिका ने लिखा कि उद्यमियों में ‘3-सी’ यानी करेज, कंपीटेंस और कम्पैशन का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि ‘शार्क टैंक इंडिया’ के लिए करीब 62000 उद्यमियों ने आवेदन किया। इनमें से 198 ‘शार्क टैंक इंडिया’ में देखने को मिले। फैमिली बिजनेस डायनैमिक्स पर भी लेखिका ने विस्तार से बताया है। पुस्तक मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई है और आलोच्य पुस्तक अनूदित है। ऐसे में कई जगह मूल भाव भटकते से लगते हैं।