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परीक्षा के बाद कुछ नया सीखने का समय

07:54 AM Feb 29, 2024 IST

अलका ‘सोनी’

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फ़रवरी का महीना आते ही अभिभावकों व बच्चे, दोनों टेंशन में आ जाते हैं कि लो अब परीक्षाएं आ गयीं। इसी टेंशन में वे ‘एग्जाम मोड’ में आ जाते हैं। उनका सारा ध्यान केवल परीक्षा पर केंद्रित हो जाता है। कहीं भी आना-जाना, खेलकूद , खाना-पीना सब भूल कर वे परीक्षा पर फोकस करने लगते हैं। इससे होता यह है कि जब तक परीक्षा चलती है वे व्यस्त रहते हैं, लेकिन परीक्षा खत्म होते ही खुद से सवाल करते हैं कि अब क्या करें? पेरेंट्स फिर भी स्वयं को व्यस्त कर लेते हैं लेकिन बच्चे क्या करें? क्योंकि उनकी नई कक्षा शुरू होने में अभी काफी समय बचा रहता है। साथ ही परीक्षा फोबिया से उबरने में भी उन्हें थोड़ा समय लग जाता है। वे तो किताबों को देख कर ही डर जाते हैं। इसीलिए एग्जाम के बाद के बचे हुए समय का उपयोग बहुत सोच-समझ कर करना चाहिए। जिसकी प्लानिंग बच्चे की उम्र , जरूरत और अपनी सुविधा के हिसाब से करनी चाहिए। आजकल तो काफी सारे ऑप्शन भी उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधा अनुसार कोई भी ऑप्शन चुन सकते हैं। जिससे बच्चों का खाली समय हंसते-हंसते बीत जाएगा और वे कुछ नया सकारात्मक भी सीख पाएंगे।

ड्राइंग क्लासेज

खाली समय में बच्चों के लिए ड्राइंग क्लासेस करवाना बेहतर ऑप्शन है। जिसे सभी बच्चे पसंद करते हैं। अपनी कल्पनाओं में रंग भरना, उन्हें साकार करना बच्चों को बहुत भाता है। परीक्षा के दौरान मिले पढ़ाई के दबाव से उबरने में भी चित्रकला बहुत मददगार साबित होती है। रंगों और रेखाओं के साथ उनका समय अच्छा बीतेगा।

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स्विमिंग क्लासेज

प्रायः परीक्षाओं के खत्म होते-होते गर्मियां शुरू हो जाती हैं। इसलिए इस मौसम में बच्चों को बेहिचक स्विमिंग क्लासेज में डाला जा सकता है। जहां वे जी भर मस्ती कर सकें। साथ ही इससे उनकी अच्छी एक्सरसाइज भी हो जाएगी और वे कुछ नया भी सीख जाएंगे।

कराटे व ताइक्वांडो क्लासेज

आज का ज़माना आत्मरक्षा का है। खासकर लड़कियों के लिए तो आजकल यह अत्यंत आवश्यक हो गया है। इसलिए उन्हें किसी सेल्फ डिफेंस क्लास में अवश्य डालें। ताकि वे अपने ऊपर आयी किसी मुसीबत का सामना स्वयं भी करने में सक्षम हो सकें। इसके लिए कई जगहों पर कराटे व ताइक्वांडो की क्लासेज करायी जाती हैं। आप उनकी रुचि के हिसाब से किसी भी क्लास में भेज सकते हैं।

मिलवा लाएं ग्रैंड पेरेंट्स से

आज की नई पारिवारिक व्यवस्था में प्रायः बच्चे अपने ग्रैंड पेरेंट्स से अलग रह रहे हैं। उनकी ममता व वात्सल्य से वे महरूम हो रहे हैं। साल भर तो वे जा नहीं पाते उनसे मिलने। इसलिए परीक्षा खत्म होने के बाद उन्हें उनसे मिलवा लाएं। ताकि वे दादा- दादी , नाना-नानी और कजिन्स के स्नेह का अनुभव कर सकें।

म्यूजिक क्लासेज़

संगीत हमारे थके हुए मन व शरीर को आराम और शान्ति प्रदान करता है। उसके मधुर सुरों के जरिये एक आनन्द की प्राप्ति होती है। साथ ही आज के इस मल्टी टैलेंटेड जमाने में सब कुछ सीखना चाहिए। अतः आप भी अपने बच्चों को किसी म्यूजिक क्लास में प्रवेश दिला दें। यह भारतीय या पाश्चात्य किसी भी तरह का हो, बच्चों को बहुत पसंद आएगा। इन उपायों को अपनाने से बच्चों का खाली समय अच्छे से व्यतीत होगा। साथ ही उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी होगा। उनके व्यक्तित्व विकास के लिए पढ़ाई ही काफी नहीं है। उन्हें किताबों से बाहर भी बहुत कुछ सीखना चाहिए।

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