3 साल से करसिन्धु रेलवे स्टेशन पर नहीं बिका टिकट
रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 23 अप्रैल
उत्तर रेलवे की रोहतक-पानीपत-जींद शाखा पर यहां से 5 किलोमीटर दूर करसिंधु रेलवे स्टेशन पर पिछले करीब तीन वर्ष से सन्नाटा है। इसका भवन जर्जर है और यह जगह आवारागर्दों का ठिकाना बन गई है, क्योंकि कई वर्ष से इस स्टेशन पर टिकट बिक्री की व्यवस्था नहीं है। रेल विभाग ने पास के एक गांव के युवक को इस स्टेशन पर यात्री टिकट बेचने का ठेका दिया था, जिसने कोविड काल में काम बंद कर दिया था। उसके बाद रेल विभाग के बार-बार किए गए प्रयास के बावजूद कोई व्यक्ति अभी तक इस स्टेशन पर रेल यात्री टिकट बेचने को तैयार नहीं हुआ है। कारण यह बताया गया है कि टिकटों पर कमीशन कम है। रेल विभाग के एक संबंधित अधिकारी ने बताया कि कई रेलवे स्टेशनों व हाल्ट स्टेशनों पर अभी यात्री टिकट की सुविधा नहीं है। इसके लिए ठेकेदारों को अनुबंधित करने के लिए निविदाएं अगले दो-तीन दिन में फिर जारी की जाएंगी। करसिंधु गांव के सुनील, रामभज व रमेश ने बताया कि इस स्टेशन के पास अत्यंत निकट कोई गांव नहीं है, यह भी दिक्कत है कि कोई इस पर टिकट बिक्री करने का काम करने को तैयार नहीं। उधर दरियापुर गांव के कई युवकों का कहना था कि रेल विभाग रेल टिकटों पर इतना कम कमीशन दे रहा है कि इस काम के लिए व्यक्ति को दिहाड़ी भी पल्ले नहीं पड़ती, इसलिए कोई काम करने को तैयार नहीं है। दरियापुर के रामकिशन, सोहनलाल व सुभाष तथा करसिंधु के नरेश, प्रकाश व पूर्व सरपंच विजय का कहना था कि इस रेलवे स्टेशन से रेलगाड़ी में सवार होने वाले यात्रियों को बीच रास्ते के स्टेशनों से टिकट खरीदनी पड़ती है। करसिन्धु रेलवे स्टेशन के आसपास के ग्रामीणों की मांग है कि टिकट बिक्री पर कुछ कमीशन बढ़ाकर यहां टिकट बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।