For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

जींद में पुरखों की राजनीतिक विरासत की जंग लड़ रहे तीन प्रत्याशी

07:53 AM Sep 20, 2024 IST
जींद में पुरखों की राजनीतिक विरासत की जंग लड़ रहे तीन प्रत्याशी
जींद का रानी तालाब। -हप्र
Advertisement

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 19 सितंबर
जींद विधानसभा सीट पर कांग्रेस, भाजपा और जजपा प्रत्याशी अपने पुरखों की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जंग में रात-दिन एक किए हुए हैं। इनमें कौन सफल रहता है, इसका पता 8 अक्तूबर को चलेगा। दो लाख से ज्यादा मतदाताओं वाली जींद विधानसभा सीट शहरी और ग्रामीण दो क्षेत्र में बंटी हुई है। जींद शहर के अलावा 36 गांव जींद विधानसभा क्षेत्र में हैं। 2009 के परिसीमन से पहले जींद विधानसभा क्षेत्र में 52 गांव होते थे। तब ग्रामीण मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने में ज्यादा हम भूमिका निभाते थे। बाद में 16 गांव जींद से निकाल इनमें से कुछ जुलाना हलके में और दो गांव उचाना हलके में शामिल कर दिए गए थे। अब शहरी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।जींद शहर में मतदाताओं की संख्या एक लाख से ज्यादा है, तो ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या भी लगभग 80000 है। कांग्रेस ने जींद से महावीर गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। वह पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे हैं। उनके पिता मांगेराम गुप्ता ने जींद से 1977 से 2009 तक लगातार 8 चुनाव लड़े। वे चार बार वह विधायक बने और 4 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब उनके बेटे महावीर गुप्ता उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। महावीर गुप्ता ने 2019 का विधानसभा चुनाव जजपा की टिकट पर लड़ा था और वह जजपा के डॉ कृष्ण मिड्ढा से लगभग 12000 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। भाजपा ने जींद के चुनावी दंगल में पूर्व विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा को उतारा है।

Advertisement


डॉ. कृष्ण मिड्ढा जनवरी 2019 के जींद उपचुनाव और अक्तूबर 2019 में हुए आम चुनाव में जींद से विधायक बने। उससे पहले 2009 और 2014 में उनके पिता डॉ हरिचंद मिड्ढा जींद से इनेलो की टिकट पर विधायक बने थे। डॉ कृष्ण मिड्ढा अपने स्वर्गीय पिता डॉक्टर हरिचंद मिड्ढा की राजनीतिक विरासत की लड़ाई जींद में लड़ रहे हैं। जजपा ने जींद से सेवानिवृत्त कार्यकारी अभियंता धर्मपाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। धर्मपाल के पिता प्रोफेसर परमानंद 1987 में जींद से लोकदल की टिकट पर विधायक बने थे, और देवीलाल सरकार में वह कैबिनेट मंत्री रहे थे। पिछड़ा वर्ग के धर्मपाल भी अपने पिता पूर्व मंत्री प्रोफेसर परमानंद की राजनीतिक विरासत की जंग इस चुनाव में लड़ रहे हैं।

पंजाबी, महाजन और पिछड़ों के वर्चस्व की जंग

जींद विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी जंग केवल तीन पूर्व स्वर्गीय विधायकों के बेटों के बीच ही नहीं है। इस बार जींद की चुनावी जंग पंजाबी, महाजन और पिछड़ों के वर्चस्व की जंग में भी बदल चुकी है। 2009 से 2019 तक जींद से लगातार पंजाबी समुदाय के डॉ हरिचंद मिड्ढा और उनके बाद उनके बेटे डॉ कृष्ण मिड्ढा विधायक बनते आ रहे हैं। इससे जींद की राजनीति पर पंजाबी वर्चस्व काफी मजबूत हुआ है। जींद की राजनीति पर पंजाबी वर्चस्व को इस बार कांग्रेस प्रत्याशी महावीर गुप्ता चुनौती दे रहे हैं। 1977, 1982, 1991, 1996, 2000 और 2005 में जींद से लगातार महाजन समुदाय के मांगेराम गुप्ता और बृजमोहन सिंगला विधायक बनते रहे। महाजन समुदाय के वर्चस्व को पंजाबी समुदाय ने तोड़ा है। जींद में अपने खोए हुए पुराने राजनीतिक वर्चस्व को वापस पाने के लिए कांग्रेस के महावीर गुप्ता और उनके साथी पूरी ताकत से चुनावी दंगल में उतरे हैं, जबकि भाजपा के डॉ कृष्ण मिड्ढा जींद में पंजाबी वर्चस्व को कायम रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं। जेजेपी प्रत्याशी धर्मपाल का प्रयास 1987 के बाद एक बार फिर जींद में पिछड़ों के वर्चस्व को कायम करने का है। इसमें बाजी कौन मारता है, यह चुनावी नतीजे तय करेंगे।

Advertisement

तीनों प्रत्याशियों के पिता सिधार चुके हैं स्वर्ग

जींद से कांग्रेस प्रत्याशी महावीर गुप्ता के पिता पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता का लगभग साढ़े 4 साल पहले निधन हो गया था। भाजपा प्रत्याशी डॉ कृष्ण मिड्ढा के पिता डॉ हरिचंद मिड्ढा का 2018 में निधन हो गया था। जेजेपी प्रत्याशी धर्मपाल के पिता पूर्व मंत्री प्रोफेसर परमानंद भी कई साल पहले स्वर्ग सिधार चुके हैं।

Advertisement
Advertisement