धमकी निकली 6 पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे की कहानी
गुरुग्राम, 19 जुलाई (हप्र)
मेवात के जिला मुख्यालय नूंह की नगर परिषद के 6 पार्षदों द्वारा विकास न होने पर परसों सामूहिक इस्तीफा देते हुए सामूहिक पत्र परिषद के अधिकारी को दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गंभीरता से लेकर उसे स्वीकार करने की बात कह कर उन्हें एक बड़ा झटका दिया है। अब पार्षद कह रहे हैं कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था, धमकी दी थी । कल देर सायं नूंह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से जब पत्रकार वार्ता में पूछा गया कि पिछले एक साल से विकास का एक भी ईंट-पत्थर न लगाए जाने पर नगर परिषद के 13 में से 6 पार्षदों ने सामूहिक इस्तीफा देने की बात कही है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उन सब को जानते हैं और उनके इस्तीफे को स्वीकृति की अनुमति देते हैं। तभी से नगर परिषद में पार्षदों का इस्तीफा चर्चा का विषय बन गया है। मीडिया भी पार्षदों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है लेकिन वे बात नहीं कर रहे हैं। नगर परिषद के अध्यक्ष संजय का कहना है कि नाराज पार्षदों ने जिला नगर आयुक्त के नाम एक ज्ञापन बिल्डिंग इंस्पेक्टर को दिया था जिसमें सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का जिक्र था। उन्होंने कहा कि नगर परिषद में काम करने की जरूरत है। उनकी सरकार से मांग है कि यहां पर कर्मचारियों को तैनात किया जाए, जो तैनात हैं, वे काम करें। लोगों की मांग है कि जिला मुख्यालय अच्छा बने, साफ सुथरा रहे और यहां सीवर पानी सड़क की अच्छी सुविधा हो।
सभी पार्षद यही चाहते हैं। उनका कहना है कि सरकार अपनी तरफ से काम करवाती है लेकिन पार्षदों को जनता ने चुना है, तो वे जनता की इच्छा के मुताबिक काम करना चाहते हैं। सरकार से उनका अाग्रह है कि लोगों की भावनाओं के अनुसार नगर परिषद में विकास कार्य करवाये जाएं।