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‘अपनी मंडियां’ शुरू न होने से हजारों लोग प्रभावित

12:17 PM Aug 30, 2021 IST

पंचकूला, 29 अगस्त (ट्रिन्यू)

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अपनी मंडी- किसान मंडी फ्रूट एंड वेजिटेबल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान चमन लाल के अनुसार कोरोना महामारी की मार झेलते हुये मेहनतकश वर्ग न केवल भुखमरी के कगार पर है बल्कि अब सरकारी उपेक्षा के कारण आत्महत्या करने को विवश है। सब्जी उत्पादक किसान, पंचकूला में सप्ताह भर 4 अलग-अलग सेक्टरों में अस्थाई मंडियां लगाकर फल और सब्जी बेचकर आजीविका चलाने वाले लोग, इस कार्य से जुड़े छोटे ट्रांसपोर्टर आदि हजारों ऐसे लोग हैं, जिन्हें अब व्यवसाय पुनः शुरू करने की इजाजत नहीं मिल रही है।

उन्होंने बताया कि व्यवसाय से जुड़े लोगों के सैकड़ों प्रतिनिधि कई बार उपायुक्त, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, नगर निगम के मेयर कुलभूषण गोयल ही नहीं बल्कि मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक से मिलकर मंडी लगाने के लिये गुहार लगा चुके हैं पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही।

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चंडीगढ़ में खुली हैं मंडियां तो पंचकूला में क्यों नहीं

चंडीगढ़ में सेक्टर 26 में सब्जी मंडी पूरे समय चल रही है। सेक्टर 20 में सब्जी मंडी में शेड के नीचे किसान अपनी मंडी चल रहे हैं तो फिर पंचकूला सेक्टर 5, सेक्टर 15, सेक्टर 26 आदि की 4 साप्ताहिक मंडियां शुरू करने में प्रशासन को न जाने क्या दिक्कत है। मंडियां बंद होने से जहां सब्जी उत्पादकों की उपज की दुर्गति हो रही है, वही उपभोक्ताओं को सब्जी आदि पहले से ज्यादा महंगी मिलने लगी है।

कोरोना के नाम पर बंद है किसान मंडी

पंचकूला शहर में अलग-अलग दिन और अलग-अलग जगह फल और सब्जी बिक्री की मंडी लगाने की जो व्यवस्था 1991 से चल रही थी, अब वह कोविड-19 में संक्रमण के नाम पर बंद है। एसोसिएशन ने प्रशासन को 31 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है। मंडियां चलाने की इजाजत नहीं दी तो एसोसिएशन धरना प्रदर्शन करने और फिर बिना मंजूरी के मंडी लगाने को मजबूर होंगी। उन्होंने बताया कि लगभग 5000 लोग मंडियों के इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से जुड़े हैं।

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