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जिनके खुद के खाते खराब हैं, वे मेरा हिसाब लिए फिरते हैं ...

09:08 AM Feb 28, 2024 IST
हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर बहस हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मुद्दे पर जवाब दिया। -ट्रिन्यू

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 फरवरी
हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा पूर्व सीएम एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच पुन: तकरार का माहौल बना। बजट चर्चा के दौरान उठे सवालों का जब मुख्यमंत्री जवाब दे रहे थे तो कई मुद्दों पर दोनों के बीच टोका-टोकी भी हुई। इस दौरान एक-दूसरे पर शायराना तरीके से हमले भी किए गए। आखिर में इसी नोक-झोंक के बीच बजट अनुमानों को सदन में पास कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकार के साथ भी तुलना की। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार ने पूर्व की सरकार में लिए गए फैसलों और कार्यों को भी पूरा किया है। बड़ी संख्या में नये काम भी किए हैं। बजट को ‘GYAN’ बताते हुए सीएम ने कहा कि इसमें चार वर्गों – G यानी गरीब, Y – युवा, A – अन्नदाता (किसान) और N यानी नारी के सशक्तीकरण और विकास पर फोकस किया है। विपक्ष को जवाब देने के बाद सीएम ने जब बजट अनुमानों को पास करने का प्रस्ताव रखा तो हुड्डा ने शायराना तरीके से हमला बोला।
पूर्व सीएम ने कहा - बड़ी चालाकी से तूने खुद को छुपा रखा है, अपने झूठे वादों से लोगों को बहला रखा है। एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने रामायण का जिक्र किया। वहीं सीएम ने हुड्डा काे जवाब देते हुए कहा - जल्दी जागना हमेशा अच्छा होता है, फिर चाहे वो नींद से हो, आराम से या फिर वहम से हो। बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने इसे सिर्फ आंकड़ों की कलाकारी बताया। वहीं भाजपा विधायकों ने जनकल्याण का बजट बताते हुए इसे हरियाणा को खुशहाल बनाने वाला बजट करार दिया।
हुड्डा ने जब सरकार पर प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबाने के आरोप लगाए तो मनोहर लाल ने आंकड़ों के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि तय सीमा में रहकर ही कर्जा लिया है। साथ ही, विपक्ष पर शायराना तरीके से पलटवार करते हुए सीएम ने कहा - लहजे में कसक और चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं। जिनके खुद के खाते खराब हैं, वे मेरा हिसाब लिए फिरते हैं। इसके बाद हुड्डा ने भी पलटवार किया। हाथों-हाथ जवाब देते हुए बोले, जख्म पत्ता-पत्ता है, दर्द डाली-डाली है, ए मेरे चमन बता कौन माली है...।
सीएम ने कहा, वर्तमान सरकार ने पिछली सरकारों की तरह मांग के आधार पर नहीं बल्कि जनता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है। जनता हम पर विश्वास करती है कि सरकार उनके लिए है। वर्तमान सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों की तरह एक जिले या एक इलाके को प्रदेश मानकर विकास करने की संस्कृति को खत्म किया है। हमने बिना मांगे पूरे प्रदेश में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के साथ-साथ विकसित हरियाणा के सपने को साकार करना हमारा संकल्प है। इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि 2050 तक भाजपा की सरकार रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का मूल सिद्धांत प्राप्तियां और खर्च होता है, जिसमें एक पैसे का अंतर भी नहीं हो सकता। स्टेट ऑन टैक्स रेवेन्यू पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2001-02 में यह आंकड़ा 4,971 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान में 84,551 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जो 20 गुणा से अधिक की वृद्धि है। हमारा स्टेट ऑन टैक्स रेवेन्यू बढ़ा है, जो विकास को दर्शाता है, परिणास्वरूप हमारी जीएसडीपी भी बढ़ी है। एफआरबीएम एक्ट के अनुसार जीएसडीपी के 3 प्रतिशत तक हम कर्ज ले सकते हैं। वर्ष 2024-25 बजट अनुमानों में यह 2.77 प्रतिशत अनुमानित है। मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार अंत्योदय की भावना से कार्य कर रही है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान व उनके जीवन को सरल और सुगम बनाने के लिए काम किये जा रहे हैं। हम यह मानते हैं कि सरकार के सभी साधनों पर पहला अधिकार गरीब का है। हम हरियाणा एक-हरियाणवी एक के मूल सिद्धांत पर चलते हुए प्रदेश को विकास की नई बुलंदियों पर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं।

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कानून-व्यवस्था पर बोले सीएम - बीते 10 साल में कम हुई वारदातें

मुख्यमंत्री ने अपराध के तुलनात्मक आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2005 से 2014 तक 10 साल में प्रदेश में हत्या के मामलों में वार्षिक वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत थी, जो 2014 से अब तक माइनस 0.51 प्रतिशत है। इसी प्रकार, डकैती की दर 7.73 से घटकर माइनस 3.90, लूटपाट की 9.38 प्रतिशत से घटकर 3.23 प्रतिशत, छीना-झपटी 10.86 प्रतिशत से घटकर 4.53 प्रतिशत, दुष्कर्म की 10.86 प्रतिशत से घटकर 5.01 प्रतिशत, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मामलों की दर 18.02 प्रतिशत से घटकर 2.62 प्रतिशत, बच्चों का अपहरण मामलों की दर 22.61 से घटकर 3.49 प्रतिशत, सरकारी कर्मचारियों पर हमले की दर 4.41 प्रतिशत से घटकर माइनस 2.81 तथा दहेज हत्या के मामलों की दर 3.66 से घटकर माइनस 4.1 हुई है।

 

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जख्म पत्ता-पत्ता है, दर्द डाली-डाली, ए मेरे चमन बता कौन माली

बजट के नाम पर की गई सिर्फ आंकड़ों की लीपापोती : हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में बजट पर बोलते हुए इसे पूरी तरह आंकड़ों की लीपापोती करार दिया। हुड्डा ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया। गठबंधन सरकार इस सच्चाई से नजर चुराती नजर आ रही है हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए भी सरकार ने 67,163 करोड़ रुपए लोन लेने की बात कही है। पिछले लोन और उसके ब्याज के भुगतान में ही सरकार को 64 हजार 280 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। यानी नये कर्ज की 95.7 प्रतिशत राशि पुराने लोन की किस्त देने में ही खर्च हो जाएगी। हुड्डा ने कहा कि बजट सिर्फ आय और खर्च का लेखा-जोखा नहीं होता बल्कि ये प्रदेश में विकास की दिशा भी तय करता है। मौजूदा सरकार ने इसे महज एक वित्तीय औपचारिकता बनकर रख दिया है। पिछले साढ़े नौ साल में इस सरकार ने जितने भी बजट पेश किए हैं, उनमें किए गए दावे और वादे कभी जमीन पर नहीं उतर पाए।
हुड्डा ने सुनाया किस्सा नेता विपक्ष हुड्डा ने कहा कि एक बार गांव में एक बच्चा मिठाई के लिए रो रहा था। एक बुजुर्ग आया जिसने बच्चे को उठाकर टांड पर बैठा दिया। बच्चा और रोने लगा और मिठाई की मांग छोड़कर, नीचे उतारने के लिए जिद करने लगा। भाजपा-जजपा सरकार ने भी हरियाणा की जनता के साथ यहीं खेल खेला है। युवा पक्की नौकरी मांग रहे थे तो सरकार ने उन्हें कौशल निगम और अग्निवीर की की टांड पर बैठा दिया। इसी तरह किसान दोगुनी आय मांग रहे थे, उन्हें कई गुना लागत की टांड पर बैठा दिया।

 

 

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